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संस्कृत भारती के संभाषण शिविर में मिलेगा “संस्कृत” सीखने का मौका

श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाए ऐसी घोषणा केंद्र सरकार ने की है। इसके पहले तीन दिन और बाद में तीन दिन संस्कृत सप्ताह मनाया जाता है। इस वर्ष संस्कृत सप्ताह के पहले ही दिन (27 अगस्त) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृत भाषा का महत्व अपने “मन की बात” भाषण में बताया है।

संस्कृत भारती के संभाषण शिविर में मिलेगा "संस्कृत" सीखने का मौका

उन्होंने संस्कृत सीखने के लिए संस्कृत भारती के संभाषण शिविर में जाने का आवाहन किया है। संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत बोलना सीखने के लिए संस्कृत संभाषण शिविर चलाए जाते हैं। प्रतिदिन 2 घंटा 10 दिन संभाषण शिविर होते हैं। कोई भी व्यक्ति संभाषण शिविर में आ सकता है। यह शिविर सभी के लिए निशुल्क रहता है। दिन भर में जितने वाक्य हम बोलते हैं वह सारे वाक्य इस शिविर में बोलना सिखाया जाता है। ऐसे डेढ़ लाख शिविर देश भर में और भारत के बाहर चलाए जा रहे हैं।

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संस्कृत भारतीय ज्ञान विज्ञान परंपरा की भाषा है, धर्म तत्वज्ञान अध्यात्म साहित्य तो संस्कृत में है, परंतु विज्ञान अर्थशास्त्र पर्यावरण एवं कला के भी अनेक ग्रंथ संस्कृत में है। इसलिए हमने संस्कृत भाषा सीखनी चाहिए ऐसे विचार संस्कृत भारती के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख शिरीष कुमार ने रखे। संस्कृत सप्ताह में शामिल होने के लिए विशेष तौर पर शिरीष कुमार लखनऊ आए हैं।

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