मानसून 8 जून (शनिवार) को केरल तट पर दस्तक दे सकता है. माैसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को पूर्वानुमान बदलते हुए बोला कि इस बार मानसून में एक सप्ताह की देरी होगी. इससे एक दिन पहले ही आईएमडी ने 7 जून तक इसके केरल पहुंचने की बात कही थी. सामान्य ताैर पर मानसून 1 जून काे पहुंचता है. दूसरी ओर, मौसम एजेंसी स्काई मेट ने बोला कि मानसून शुक्रवार शाम तक आएगा व इस वर्ष इसके निर्बल रहने के संभावना हैं.स्काई मेट के वैज्ञानिक समर चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मानसून पहुंचने में 10-15 दिन की देरी हो सकती है. दिल्ली व इसके आसपास के प्रदेशों में आमतौर पर मानसून जून तक पहुंच जाता है. इस बार अल नीनो व ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते मानसून के निर्बल रहने के संभावना हैं. उम्मीद है कि मानसून की बारिश करीब 93% (औसत से कम) तक होगी. मौसम विभाग ने भी इस सीजन में 96% बारिश की आसार जाहिर की थी.
प्री-मानसून सीजन में भी बारिश कम हुई
65 सालों में यह दूसरा मौका है, जब प्री-मानसून करीब-करीब सूखा गुजरा. इस दौरान सामान्य तौर पर 131.5 मिलीमीटर बारिश पंजीकृत की जाती है. इस वर्ष 99 मिमी। बारिश हुई.चौधरी ने कहा, “पूर्वी दिशा की ओर बहने वाली हवाओं में नमी है, जिसने उत्तरी हिंदुस्तान में पारे पर थोड़ा नियंत्रण रखा. लेकिन, इसके बावजूद लू के थपेड़ों के चलते लगातार पारा बढ़ता रहा.
पूर्वोत्तर के राज्यों में अगले 5 दिन बारिश के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून पूर्वोत्तर के राज्यों में 3 से 4 दिन में पहुंच जाएगा. अगले 5 दिन असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में कुछ जगहों पर बारिश की आसार है. दूसरी ओर, राजस्थान, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के विदर्भ में अगले 4 दिन लू के दशा बने रहेंगे. बुधवार को मध्य प्रदेश के नौगांव में पारा सबसे ज्यादा 47.9 डिग्री सेल्सियस रहा.
पिछले वर्ष तीन दिन पहले पहुंच गया था मानसून
मानसून 2014 में 5 जून को, 2015 में 6 जून को व 2016 में 8 जून को आया था. जबकि, 2018 में मानसून ने केरल में तीन दिन पहले 29 मई को ही दस्तक दे दी थी. पिछले वर्षसामान्य बारिश हुई थी.