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पाक को FATF के तहत डाला गया रणनीतिक कमियों वाले क्षेत्राधिकार की सूची में,पढ़े पूरी खबर…

मनी लॉन्ड्रिंग  आतंकवाद के वित्तपोषण के विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाक को “रणनीतिक कमियों वाले क्षेत्राधिकार” की सूची में डाल दिया है, जिसे आमतौर पर ग्रे लिस्ट के नाम से जाना जाता है. इस निर्णय के पीछे एफएटीएफ का तर्क है कि पाक के पास आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए ‘संरचनात्मक अभाव’ (structural deficiencies) है. एफएटीएफ ने पाक के साथ ही इस सूची में इथियोपिया, सर्बिया, श्रीलंका, सीरिया, त्रिनिदाद  टोबैगो, ट्यूनीशिया  यमन को भी शामिल किया हुआ है.टेरर फंडिंग का पुराना खिलाड़ी है पाकिस्तान

हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब एफएटीएफ ( Financial Action Task Force ) ने पाक को इस सूची डाला हो. इसके पहले भी पाक 2008 में एफएटीएफ की सूची में रहा है.इसके बाद 2012 से 2015 तक भी पाक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रहा है.

FATF के बाद हिंदुस्तान ने भी पाकिस्तान को फटकारा- ‘आतंक के विरूद्ध उठाओ कठोर कदम’

एफएटीएफ की इस लिस्ट में पाक सबसे अहम नाम इसलिए भी बन जाता है क्योंकि पाक इस सूची में से सबसे बड़ी आबादी  सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सबसे बड़ी सेना भी रखता है.

क्या कहता है एफटीएफ का कानून

एफएटीएफ ने अपने कानून में मनी लॉन्ड्रिंग  आतंकवाद दिनों को एक साथ रखा है. इसके अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग  आतंकवाद का वित्तपोषण दोनों वित्तीय क्राइम हैं. साधारण शब्दों में, मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब गलत उपायों से अर्जित धन को वैध स्रोतों के माध्यम से अर्जित धन में बदलना है. इस तरह के क्राइम की श्रेणी में भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, धोखाधड़ी या कर चोरी भी शामिल होने कि सम्भावना है. जबकि आतंकी वित्तपोषण में आतंक या आतंकी संगठनों के समर्थन करने के लिए धन का जुटाना इसमें शामिल है.

दोनों के बीच एक जरूरी अंतर यह है कि, मनी लॉन्ड्रिंग में, अर्जित धन का स्रोत ‘अपराध’ होता है. वहीं आतंकवाद के वित्तपोषण में धन पूरी तरह से वैध स्रोतों से भी आ सकता है जैसे कि सामान्य नागरिकों से दान आदि से, लेकिन पैसे को इकठ्ठा करने के पीछे उद्देश्य एक आपराधिक गतिविधि को अंजाम देना होता है.

AML  CFT के अंतर्राष्ट्रीय मानक

एफएटीएफ ने 40 सिफारिशों के आधार पर एएमएल ( anti-money laundering )  सीएफटी ( combating financing of terrorism ) पर अंतरराष्ट्रीय मानक बनाए हैं. हालांकि समय के साथ ये सूची अपडेट की जाती रही है. इस सूची में शामिल मानकों का किसी देश के पास होना आवश्यक है.

1- जोखिमों की पहचान करें,  नीतियों  घरेलू समन्वय का विकास करें
2- वित्तीय क्षेत्र  अन्य नामित क्षेत्रों के लिए निवारक तरीका लागू करें
3- सम्बंधित अधिकारियों (मुख्यतः कानून प्रवर्तन  निगरानी प्राधिकरण)  अन्य संस्थागत तरीकों के लिए शक्तियों  जिम्मेदारियों को स्थापित करना
4- कानूनी व्यक्तियों  व्यवस्थाओं के फायदेमंद स्वामित्व की जानकारी को पारदर्शी बनाए रखना
5- अंतर्राष्ट्रीय योगदान की सुविधा सुनिश्चित करना .

FATF कैसे करता है किसी देश का मूल्याकंन?

एफएटीएफ अपने आकलन पद्धति के आधार पर किसी देश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है. इसमें तकनीकी अनुपालन, जो कानूनी  संस्थागत ढांचे  सक्षम अधिकारियों की शक्तियों  प्रक्रियाओं के बारे में होता है. इसके साथ प्रभावशीलता का आकलन, जो कि इस तथ्य पर आधारित है कि किसी देश के कानूनी  संस्थागत ढांचे किस फीसदी में अपेक्षित परिणाम दे रहे हैं.

पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग  आतंकवाद का वित्तपोषण कैसे करता है

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मनी लॉन्ड्रर्स  आतंकी अपने अपराधों की रिपोर्ट नहीं करते हैं. इन अपराधों को सीधे मापना असंभव नहीं तो लेकिन बहुत कठिन है.एफएटीएफ  अन्य लोग कानूनों  उनके कार्यान्वयन का मूल्यांकन करके इन अपराधों के लिए एक देश की विश्वसनीयता को जानने की प्रयास करते हैं. लेकिन भिन्न-भिन्न संस्थाओं द्वारा पाक का आकलन समान नहीं है.

इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स, जो खुद को “एक स्वतंत्र, गैर-पक्षपातपूर्ण, गैर-लाभकारी थिंक टैंक” के रूप में वर्णित करता है, यह पाक को आतंकवाद से पांचवें सबसे प्रभावित देश के रूप में इराक, अफगानिस्तान, नाइजीरिया  सीरिया के पीछे शुमार करता है.

पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किए जाने का ख़तरा

पकिस्तान को ग्रे सूची में रखे जाने से सबसे बड़ा खतरा यह है कि यदि पाक ने अक्टूबर 2019 तक एफएटीएफ के मानकों को पूरा नहीं किया तो इसे ब्लैक लिस्ट में डालने की आसारबढ़ जाती है. वैसे इस ब्लैक लिस्ट में ईरान  उत्तर कोरिया शामिल हैं. वैसे पाक पर कोई तात्कालिक खतरा नहीं है क्योंकि पाक 2012 से 2015 तक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में था इसी समय वह न केवल आईएमएफ से लोन लेने में पास रहा बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बॉन्ड बाजारों से पैसा उठाने में उसे कामयाबी मिली थी .

 

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