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बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी, और 13 बच्चों की गई जान, 24 दिनों में 68 की मौत

बिहार में उमस भरी गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाली बीमारी ‘चमकी बुखार’ से पीड़ित बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटों में एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती 13 बच्चों की मौत हो गई है। मौसम की तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण संदिग्ध एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) नामक बीमारी से पीछले करीब 24 दिनों में 68 बच्चों की मौत हो गई है। जिसमें 55 बच्चों की मौत श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई है, जबकि 11 की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई है।

बीमारी से मौत और पीड़ितों की बढ़ रही संख्या को लेकर पटना मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक चल रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर निदेशक प्रमुख डॉ आरडी रंजन, राज्य वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ एमपी शर्मा व राज्य जेई एईएस के नोडल समन्वयक संजय कुमार ने एसकेएमसीएच में पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। इन अधिकारियों ने दो राउंड चारों पीआईसीयू का जायजा लिया। निदेशक प्रमुख ने बताया कि जेई के चार पीड़ित मरीज मिले हैं। इंसेफेलाइटिस से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई। जो भी बच्चे मरे हैं, उनमें हाइपोग्लेसिमिया और सोडियम पोटैशियम की चमकी-तेज बुखार कमी थी। तेज धूप के साथ आर्द्रता इसमें बहुत बड़ा कारण है।

गौरतलब है कि उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी व वैशाली में बीमारी का प्रभाव दिखता है। इस साल अब तक एसकेएमसीएच में जो मरीज आ रहे हैं, वे मुजफ्फरपुर और आसपास के हैं।

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