भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुईं सावित्रीबाई फुले अब खुद अपनी नयी पार्टी खड़ी करेंगी। रविवार को यहां चारबाग स्थित रवीन्द्रालय प्रेक्षागृह में बुलाये गये सम्मेलन में वह अपनी नयी पार्टी का एलान करेंगी। यह सम्मेलन नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के तत्वावधान में होगा।
सावित्रीबाई फुले 2012 से 2014 तक बहराइच की बलहा विस सीट से भाजपा की विधायक रहीं। इसके बाद 2014 में बहराइच संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर वह लोकसभा पहुंची। मगर बतौर भाजपा सांसद कार्यकाल के अंतिम वर्षों में उनका भाजपा नेतृत्व से मोहभंग हो गया। पार्टी में रहते हुए उन्होंने बगावत का बिगुल फूंका। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
2019 का लोकसभा चुनाव बहराइच से ही उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा मगर जीत नहीं पायीं। अब उन्होंने कांग्रेस भी छोड़ दी है। ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में सावित्रीबाई फुले ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उ.प्र.प्रभारी प्रियंका गांधी उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकीं इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने कहा कि अब वह बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के नारे को सार्थक करने के लिए आन्दोलन का रास्ता अपनाएंगी। उन्होंने कहा कि आज हमारा संविधान, हमारा आरक्षण खतरे में है।
रविवार को रवीन्द्रालय में सम्मेलन आयोजित करने वाली नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के अध्यक्ष अक्षयनाथ कनौजिया ने कहा कि सावित्रीबाई फुले के नेतृत्व में बनने वाली नयी पार्टी देश और प्रदेश के दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी।