लखनऊ। अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कैंसर से जूझ रही 6 वर्षीय बच्ची की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। बच्ची बीते दो साल से जीभ में मांस के उभार से काफी परेशान थी। अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उपचार करवाने से पहले इसके अभिभावक उपचार के लिये दिल्ली सहित कई अस्पतालों के कई चक्कर लगा चुके थे।
इस सफल सर्जरी का श्रेय प्लास्टिक, कॉस्मेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव के सर्जन डॉक्टर निखिल पुरी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. कमलेश वर्मा को जाता है जिन्होने 14 घन्टे की अथक मेहनत के बाद बच्ची को नया जीवन प्रदान किया। सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. कमलेश वर्मा बताया कि 6 वर्षीय बच्ची को इस जटिल बिमारी के लक्षण बचपन से ही मौजूद थे लेकिन अभिभावकों को इसका पता बच्ची के 4 वर्ष होने पर चला। २ वर्षो से इस बच्ची के जीभ में खून की नसों का गुच्छा था जिसके कारण बच्ची न ढ़ग से खाना खा रही थी और ना ही बोल पा रही थी। जीभ के आधे से अधिक हिस्से में हेमांगीओमा नामक ट्यूमर विकसित हो चुका था बार-बार रक्तस्राव होने से बच्ची को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। खाना खाने में असमर्थता के कारण बच्ची कमजोर हो गयी थी और 6 वर्ष की उम्र में बच्ची का वजन महज 13 किलो था।
डॉ. वर्मा ने कहा कि बच्ची के काफी कमजोर होने का कारण कैंसर को पूरी तरह से बाहर निकालना और बच्ची को पुनः सामान्य स्थिति में लाना काफी चुनौतिपूर्ण था।
सर्जरी के पश्चात प्लास्टिक, कॉस्मेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव के सर्जन डॉ. निखिल पुरी ने बच्ची के बाएं हाथ से टिश्यू निकाल कर जीभ से निकाले हुए भाग का माइक्रोवैस्कुलर तकनिक द्वारा पुनर्निर्माण सफलतापूर्वक किया। ऑपरेशन के पश्चात बच्ची को 14 दिनों तक अस्तपताल में स्वास्थ्य लाभ के लिये रखा गया और बच्ची के सामान्य होने के पश्चात उसे अस्तपताल से छुट्टी दे दी गई।
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के चेयरमैन कार्डियोलॉजीस्ट डॉ. सुशिल गट्टानी ने इस सफल सर्जरी का श्रेय पूरी टीम को देते हुए कहा की अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के लखनऊ में आने से अब लोगों को जटिल उपचार के लिये दूर-दराज जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि यहां आने वाले हर मरीज को विश्व विख्यात सुविधाएं अब एक जगह ही मिल जायेगी, जिससे उनका मूल्यवान समय बचेगा।