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करीब 90 फीसदी से अधिक बच्चों के दिल रोगों का उपचार किया जा सकता हैं 95 फीसदी सफलता से

बच्चों में दिल की कौन सी बीमारियां ज्यादा होती हैं?
बच्चों में ज्यादातर दिल में सुराग होना, धमनियों का गलत जुड़ाव और रक्त नलियों में रुकावट के मुद्दे सामने आते हैं. मां-बाप को बीमारी के शुरुआती संकेतों पर ध्यान रखना चाहिए जैसे बार-बार खांसी-जुकाम या निमोनिया, रक्त में ऑक्सीजन की कमी से शरीर का नीला पडऩा, बेवजह सांस फूलना, वजन ना बढऩा या ग्रोथ रुक जाना.क्या सर्जरी के बाद बच्चा आम बच्चों की तरह ज़िंदगी जी सकता है ?
करीब 90 फीसदी से अधिक बच्चों के दिल रोगों का उपचार 95 फीसदी सफलता से किया जा सकता है. ऐसे लगभग सभी बच्चे सामान्य ज़िंदगी व्यतीत कर सकते हैं. स्थिति के अनुसार डॉक्टर कुछ सावधानी बरतने की सलाह अभिभावकों को देते हैं, जिनका ध्यान रखना महत्वपूर्ण है.

हृदय रोग कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
दूरदराज के डॉक्टरों  समाज में इन बीमारियों के प्रति जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि इन बच्चों को स्पेशलाइज्ड पीडियाट्रिक कार्डियक हॉस्पिटल में वक्त रहते ठीक उपचार दिया जा सके. ऐसे दशा में समय का बहुत ज्यादा महत्व है.

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