विश्व भर में बीते कल यानी कि 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया गया। इस मौके पर कई रक्तदान शिविर आयोजित किए गए थे व लोगों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान किया। हालांकि इसके बावजूद देश में खून की कमी बनी हुई है लेकिन ये जानकर व भी हैरानी होगी कि हिंदुस्तान में 56 प्रतिशत लोग चाहकर भी रक्दान नहीं कर पाए हैं। ये खुलासा हुआ UC Browser द्वारा वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के दिन कराए गए एक सर्वेक्षण में। इस सर्वे में देश के 70 हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था। आंकड़ों की मानें तो, करीब 56 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कभी भी रक्तदान नहीं किया है। सर्वे में लोगों ने ये बोला कि उन्हें इस बात का अंदाजा है कि रक्तदान करना कितना जरूरी है व इससे किसी का ज़िंदगी भी बच सकता है। लेकिन उन्हें इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं है। वो नहीं जानते कि रक्तदान कैसे व कहां किया जाता है।
सर्वे में कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने ब्लड बैंक की विश्वसनीयता पर संदेह जताया व कुछ को ये भय था कि कहीं मुनाफा कमाने के लिए उनका खून बेच न दिया जाए। इस सिलसिले में अगर लोकसभा में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर नजर डालें तो जानकारी मिलती है कि देश में 14 राज्यों के 76 जिलों में अब तक एक भी ब्लड बैंक नहीं है।
ब्लड का अच्छा से रखरखाव व उसे प्रिसर्व करने के लिए मशीनों के अभाव के चलते हर वर्ष करीब 521,791 लीटर खून बर्बाद हो जाता है। ये भी एक वजह हो सकती है जो लोग रक्तदान के महत्व को जानने के बाद भी इससे कतराते हैं।
इस स्थिति में सरकार व प्रशासन का यह दायित्व है कि लोगों में यह विश्वास पैदा करें कि उनके खून का ठीक प्रयोग किया जाएगा व रक्तदान करने वाले डोनर को पुरस्कार राशि देकर उन्हें प्रोत्साहित करें।