पश्चिमी यूपी एसटीएफ ने आधा पंजीकृत न फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये के चीज एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगाने वाले चार लोगों को शुक्रवार को अरैस्ट कर लिया. इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, रेंट बिल, 1,20,000 रुपये नकद, लैपटॉप, 7 मोबाइल फोन व एक फॉर्च्यूनर कार बरामद हुई है.पश्चिमी उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि ग्रेटर नोएडा में एक ऐसा अंतर्राज्यीय रैकेट सक्रिय है जो आधा पंजीकृत न से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाकर उनके बिल काटकर करोड़ों रुपये के GST की चोरी कर रहा है. दिनेश ने बताया कि सूचना के आधार पर एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार मिश्रा और उनकी टीम ने मुद्दे की जाँच प्रारम्भ की. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को एक सूचना के आधार पर एसटीएफ ने इस गैंग के मुखिया राजीव कुमार कुच्छल, विपिन निवासी, सत्येंद्र व नितिन बंसल को अरैस्ट कर लिया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इनके पास से एक फॉर्च्यूनर कार, एक लैपटॉप, 7 मोबाइल फोन (जिनमें बहुत सारी फर्जी कंपनियों के लेन-देन का डाटा है), फर्जी कंपनी बनाने में प्रयोगहोने वाले रेंट एग्रीमेंट, बिजली बिल, फोटो, पैन कार्ड, तथा 1,20,000 रुपये नकदी बरामद की है.
615 करोड़ रुपये का फर्जी बिल काटे
एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान एसटीएफ को पता चला कि विपिन व सतेंद्र यूपी GST में अस्थायी कर्मचारी हैं. इन लोगों ने राजीव तथा नितिन के साथ मिलकर GST चोरी करने का गैंग बनाया. उन्होंने बताया कि जाँच के दौरान पता चला है कि इन लोगों ने अब तक 615 करोड़ रुपये का फर्जी बिल काटे हैं, जिनसे करोड़ों रुपये की GST चोरी हुई है.
उन्होंने बताया कि इन लोगों ने ग्रेटर नोएडा में जीसी इंपैक्स, एनके इंडस्ट्रीज, एस एस इंपैक्स, ड्रीम मोबाइल एसेसरीज, पीएन एंटरप्राइजेज, कंपलीट मेडिकल इक्विपमेंट्स, नाम से छह कंपनियां बनाकर 615 करोड़ के GST बिल काटे हैं.
एसपी ने बताया कि इस मुद्दे में यूपी के GST विभाग ने थाना सूरजपुर में सितंबर 2018 में मुकदमा पंजीकृत कराया था. GST विभाग की तरफ से भी उत्तर प्रदेश एसटीएफ को इस मुद्देके खुलासे के लिए लेटर लिखा गया था. उसके बाद ही स्टाफ ने मुद्दे की जाँच प्रारम्भ की.