भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है. उसी के लिए, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में सड़क परिवहन वराजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को वाहन पंजीकरण के लिए सड़क कर का भुगतान करने से छूट देने का प्रस्ताव है. यह कार मैन्युफैक्चरर्स के साथ-साथ उन लोगों के लिए भी खुशखबरी है जो ईवी खरीदने के लिए उत्सुक हैं. रोड कर की छूट उन सभी श्रेणियों के वाहनों पर लागू होगी जिसमें देश में बेचे जाने वाले दोपहिया, तिपहिया व चार पहिया वाहन शामिल हैं. इसके अलावा, यदि मौजूदा EVs को प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो उसे कोई नवीकरण शुल्क नहीं देना होगा.इससे पहले FAME II नीति में कुछ इसी तरह के शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. FAME II नीति में कर अपवाद केवल टैक्सियों तक सीमित थे व व्यक्तिगतस्वामित्व वाले वाहनों के लिए नहीं थे. हालांकि, नया प्रस्ताव इस बात का ध्यान रखता है व हिंदुस्तान में ईवी सेक्टर को बढ़ावा देगा जो इस समय अपनी प्रारंभिक अवस्था में है.मंत्रालय ने जारी किया बयान ने बोला गया है कि देश में बैटरी चालित या इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत अंतर पंजीकरण शुल्क प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं.
सरकार 2030 तक फोसिल फ्यूल से चलने वाली कारों को पूरी तरह से हटाने की योजना बना रही है. कुछ दिन पहले, नीति आयोग ने हिंदुस्तान में केवल 2030 से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा था. इसके अतिरिक्त सरकार अप्रैल 2023 से केवल इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर व अप्रैल 2025 से केवल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बेचने की योजना बना रही है. अप्रैल 2020 से बेचे जाने वाले सभी गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों को BSVI उत्सर्जन मानदंडों का पालन करना होगा जो कारों से हानिकारक उत्सर्जन को कम करेगा.