बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता है. इस मौसम में डेंगू मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलने का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है. मच्छर न सिर्फ आपके शरीर से खून चूसते हैं बल्कि अहसहनीय खुजली की वजह भी बनते हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि मच्छर के काटने पर व्यक्ति को उसी जगह तेज खुजली क्यों होने लगती है. अगर आप भी इस सवाल का जवाब पाना चाहते हैं तो पढ़ें ये खबर-
शरीर से खून चूसने वाला मच्छर नर नहीं हमेशा मादा होता है. ये मादा मच्छर शरीर से खून चूसने के लिए अपना बाल जितना बारीक डंक शरीर में चुभोती हैं. मनुष्य के शरीर में खून का थक्का बहुत जल्दी बन जाता है. जिसकी वजह से मच्छर को खून चूसने में परेशानी होती है. मादा मच्छर अपनी इस परेशानी को दूर करने के लिए शरीर से खून चूसते समय व्यक्ति के शरीर में एक विशेष तरह का जहरीला रसायन मिला देती है. जिसके शरीर में पहुंचते ही व्यक्ति को खुजली होने लगती है.
मादा मच्छर व्यक्ति के शरीर से खून चूसते समय उसके शरीर में अपने डंक की मदद से अपना थूक मिला देती है. मच्छरों के थूक में थक्कारोधी तत्वों के साथ कई तरह के प्रोटीन मौजूद होते हैं जो थूक के साथ आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. जो शरीर में प्रवेश करते ही खुजली की वजह बनता है.
मच्छर अपने डंक की मदद से जिस प्रोटीन को शरीर में प्रवेश करवाते हैं उसके साइडइफ्केट से बचने में रोगप्रतिरोधक क्षमता व्यक्ति की मदद करती है. ऐसा करते समय व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता हिस्टामिन नाम का एक कंपाउंड रिलीज करती है. यह कंपाउंड आपके व्हाईट ब्लड सेल्स को उस प्रभावित क्षेत्र में पहुंचाकर उस प्रोटीन से लड़ने में मदद करता है. हिस्टामिन नाम के इस कंपाउंड की वजह से भी व्यक्ति को खुजली और सूजन महसूस होती है.
मच्छर के काटने पर शरीर की वो जगह बेहद संवेदनशील हो जाती है. एक ही जगह बार-बार खुजली करने पर वहां काफी तेज खुजली होने लगती है. लगातार एक ही जगह खुजली करने की वजह से त्वचा को नकसान या इंफेक्शन होने का खतरा भी बना रहता है.