लोकसभा में सूचना के अधिकार कानून संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी संसदीय दल की नेता व UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकारपर संगीन आरोप लगाए हैं। सोनिया गांधी ने आरोप लगाते हुए बोला है कि केन्द्र सरकार ऐतिहासिक सूचना का अधिकार कानून -2005 को पूरी तरह से निष्प्रभावी बनाने की प्रयासकर रही है। सोनिया ने बोला कि इस कानून को बहुत ज्यादा विचार-विमर्श करने के बाद संसद में इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था।उन्होंने बोला कि अब यह कानून समापन की कगार पर पहुंच चुका है। सोनिया ने बोला कि बीते एक दशक में लगभग 60 लाख से ज्यादा देशवासियों विशेष कर स्त्रियों ने सूचना के अधिकार का प्रयोग किया है। इस कानून की सहायता से प्रशासन के सभी स्तरों में पारदर्शिता व निष्पक्षता को बेहद सशक्त बनाया गया है। आरटीआई के अधिकाधिक इस्तेमाल से समाज के निर्बल वर्ग को बहुत फायदा हुआ है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए बोला है कि वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार आईटीआई को अनुपयोगी मानती है।
सोनिया गाँधी ने बोला कि नरेन्द्र मोदी सरकार उस केंद्रीय सूचना आयोग के स्वतंत्रता को खत्म करना चाहती है, जिसे केंद्रीय चुनाव आयोग एवं केंद्रीय सतर्कता आयोग के समकक्ष रखा गया था। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि सोनिया गांधी ने यह बयान लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बाद भी आरटीआई संशोधन विधेयक बिल 2019 के पास हो जाने के बाद दिया है।