अनियंत्रित जीवनशैली के कारण होने वाली ये स्वास्थ्य समस्या हर वर्ग के लोगों के लिए खतरनाक बन चुकी है. यह एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है. सामान्य स्थित में रक्त प्रवाह 120/80 से 140/90 के बीच रहता है. लेकिन जैसे ही ब्लड प्रेशर इससे अधिक होने लगता है उच्च रक्तचाप की समस्या खड़ी हो जाती है. ऐसे में ये जानना महत्वपूर्ण है कि प्रीहाइपरटेंशन क्या होता है क्योंकि यही वो स्थिति है, जहां से उच्च रक्त्चाप यानी हाइपरटेंशन से जुड़ी सभी चीजों की आरंभ होती है.
प्रीहाइपरटेंशन की स्थिति तब बनती है जब आपका ब्लड प्रेशर सामान्य से ऊपर हो लेकिन उस लेवल तक ना हो जिसे उच्च रक्तचाप माना जाता है. उच्च रक्तचाप की रीडिंग्स, सिस्टोलिक प्रेशर के साथ 120 से 139 mm Hg व डायस्टोलिक प्रेशर के साथ 80 से 89 mm Hg को प्रीहाइपरटेंशन माना जाता है. हालांकि, जब लोगों को पता चलता है कि उच्च रक्तचाप बॉर्डर पर है यानी प्रीहाइपरटेंशन की स्थिति बन चुकी है तब इस पर ध्यान नहीं दिया जाता. यह चिंताजनक है क्योंकि उच्च रक्त्चाप कुछ
देर रात को भोजन करना,
Smart Phone पर लंबे वक्त तक समय बिताना, शारीरिक व्यायाम ना करने के चलते हाइपरटेंशन की समस्या होने लगती है
. इसके
अतिरिक्त स्ट्रेस, गलत खानपान
व आधुनिक जीवनशैली के कारण हाइपरटेंशन
होने कि सम्भावना है
. हाइपरटेंशन में चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत
प्रारम्भ होती है
. इसके
अतिरिक्त बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, गुस्सा आना
प्रारम्भ हो जाता है
. जो बाद में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, रेटिनल हैमरेज
व किडनी फेल होने की वजह बन सकता है
.
समय रहते इन चीजों पर ध्यान देने से हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्त्चाप को रोका जा सकता है.
स्वस्थ्य लाइफस्टाइल
सिर्फ उच्च रक्त्चाप ही नहीं बल्कि किसी भी बीमारी से निजात पाने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में सुधार लाना होगा. एक स्टडी में ये पाया गया है कि किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होना प्रीहाइपरटेंशन के खतरे को 50 फीसदी तक बढ़ा देता है. तो हर रोज व्यायाम करना व दिन में अधिक गतिविधियों में भाग लेना महत्वपूर्ण है. इसमें सीढ़ी पर चढ़ना, साइकिलिंग, ट्रेडमिल, तैराकी, रस्सी कूदना, जंपिंग जैक, शामिल कर सकते हैं. ये उच्च रक्त्चाप को कंट्रोल में रखते हैं.
फल से बने शुगर (फ्रक्टोज) का अधिक सेवन
फ्रक्टोज का सेवन पहले से ही डायबिटीज, मोटापे, मेटाबॉलिक सिंड्रोम के बढ़ते खतरे से जुड़ा है
. अब इसे उच्च रक्तचाप के लिए भी खतरा बताया जा रहा है
. सैन डिएगो में एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी 2016 में प्रस्तुत रिसर्च में बताया गया था कि फ्रक्टोज के हाई लेवल से लोगों के सॉल्ट सेंसिटिव हाइपरटेंशन की तरफ तेजी से बढ़ने की
संभावना हो सकती है इसलिए इन्हें अपनी डाइट से हटा दें
.
अधिक वजन
वजन अधिक होना प्रीहाइपरटेंशन का शुरूआती खतरा है. बचपन से ही वजन पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण है ताकि बड़े होने पर समस्या ना हो. किशोरावस्था के मोटापे व हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना के अधिक बढ़ जाती है.
अपने खाने में ये चीजें शामिल करें
दलिया
दलिया में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन व मिनरल्स पाए जाते हैं. इसे खाने से वजन भी कम होता है. अधिक वजन मतलब हाई ब्लड प्रेशर इसलिए नाश्ते में दलिया जरूर खाएं.
चुकंदर
चुकंदर में नाइट्रेट होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है इसलिए रोज एक गिलास चुकंदर का जूस पिएं व चुस्त दुरुस्त रहें.
अनार
अनार एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स, मिनरल्स व फाइबर जैसे पोषक तत्वों का सबसे अच्छा स्रोत है. इसे खाने से वजन कम होने लगता है. इस तरह ये रक्त्चाप को नियंत्रण में रखता है.