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चीन के साथ अच्छे संबंध हमारे ‘आपसी हित’ में

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका (India and the US) के बीच व्यापार समझौता (Trade Agreement) जहां ‘व्यापार के नजरिए से अच्छा’ है, वहीं चीन (China) के साथ अच्छे संबंध हमारे ‘आपसी हित’ (Mutual Interest) में हैं। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (Affairs Minister Dr S Jaishankar) ने बुधवार को यहां एक वार्ता के दौरान अमेरिका और चीन के साथ भारत के बेहतर संबंधों की वकालत की।

एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) और एशिया सोसायटी इंडिया सेंटर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने यह टिप्पणी की। विदेश मंत्री ने चर्चा का संचालन कर रही एशिया सोसायटी की अध्यक्ष एवं सीईओ क्यूंग-व्हा कांग के साथ वार्ता के दौरान कहा अमेरिका के साथ व्यापार समझौता वैचारिक रूप से नया नहीं है। इस समय बहुत सक्रिय और गहन व्यापार चर्चा चल रही है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार जयशंकर ने कहा यह संभावना है कि भारत, जिसने 2025-26 के केंद्रीय बजट में बोरबॉन व्हिस्की और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे कुछ उत्पादों पर पहले ही शुल्क में कटौती कर दी है, समय सीमा से पहले और भी शुल्क में कटौती करेगा। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा वस्तु निर्यात बाजार है।

विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई चर्चाओं से संकेत मिलता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के साथ रक्षा और ऊर्जा दोनों संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक हैं। भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा के बाद, जयशंकर ने बताया कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच सकारात्मक संबंध कैसे पारस्परिक रूप से लाभकारी होंगे।

डॉ एस जयशंकर ने कहा कि मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए और प्रतिस्पर्धा संघर्ष नहीं बननी चाहिए। हम कई मुद्दों पर अलग-अलग और प्रतिस्पर्धा में हो सकते हैं, लेकिन क्योंकि हम प्रतिस्पर्धा करते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे बीच संघर्ष होना चाहिए। हम इस बारे में बहुत यथार्थवादी हैं। अभी हमें लगता है कि पिछले साल अक्टूबर से संबंधों में कुछ सुधार हुआ है। हम इसके विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हम वास्तव में ईमानदारी से सोचते हैं कि यह हमारे ‘पारस्परिक हित’ में है।

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