अमेरिका में शरण की तलाश में गए तीन भारतीय व्यक्तियों को टेक्सास के एल पासो में बने यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट केंद्र (आईसीई) में रविवार को नसों के जरिए जबरन ड्रिप्स (आईवी ड्रिप्स) चढ़ाई गईं। इन भारतीयों की वकील ने बताया कि ये लोग 12 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे।
ये तीनों इस मांग के साथ नौ जुलाई को आईसीई हिरासत केंद्र में अनशन पर बैठ गए थे कि जब तक वे अपने निर्वासन के संबंध में आदेश प्राप्त करते हैं तब के लिए उन्हें रिहा किया जाए। इन तीनों की वकील लिंडा कोरचाडो ने बताया कि ये शरण मांगने यहां आए थे जिनके आवेदन को ठुकरा दिया गया और ये अपने आवेदनों पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
मीडिया में आई खबर के मुताबिक ये तीनों कई महीनों से हिरासत केंद्र में बंद हैं जबकि इनमें से एक को हिरासत में बंद हुए एक साल से भी ज्यादा हो गया है। न्याय मंत्रालय ने पिछले हफ्ते संघीय न्यायाधीशों के समक्ष आवेदन दायर कर तीनों की सहमति के बिना ही इन्हें खाना खिलाने या पानी चढ़ाने की मांग की थी। वकीलों एवं अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे इस बात से चिंतित है कि अगले कदम के तहत इन्हें जबरन खाना खिलाया जाएगा।
कोरचाडो ने कहा, “मेरे मुवक्किलों ने लंबे समय से हिरासत में रखे जाने और उनके आवेदनों के प्रति आव्रजन अदालत के पक्षपाती एवं भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ अनशन करने का निर्णय लिया।” उन्होंने कहा कि एक साल से ज्यादा वक्त हिरासत में बिताने के बाद और आगे भी इसके खत्म होने की कोई उम्मीद नहीं नजर आने पर इन लोगों के पास अपनी व्यथा और अनुचित आव्रजन कार्रवाइयों की तरफ ध्यान दिलाने का कोई और रास्ता नहीं बचा था। यह इस साल में दूसरी बार हुआ है कि भारतीयों ने एल पासो हिरासत केंद्र में भूख हड़ताल की।