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आतंक के विरूद्ध प्रहार करने के लिए साथ आए भारत व रूस, 10 दिनों तक साथ करेंगे संयुक्त युद्धाभ्यास

हिंदुस्तान व रूस की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास इंद्र 2019 झांसी की बबीना छावनी में प्रारम्भ हो चुका है। यह युद्धाभ्यास 10 दिन तक चलेगा। सेना की टुकड़ियां, ट्रान्सपोर्ट एयरक्राफ्ट व नौसेना के जहाज युद्धाभ्यास में शामिल हैं। गोवा, पुणे व झांसी में दोनों सेनाओं का युद्धाभ्यास होगा। 10 दिन के संयुक्त युद्धाभ्यास का मकसद आतंक के विरूद्ध प्रहार करना है।

हिंदुस्तान के तीन भिन्न-भिन्न राज्यों की तीन लोकेशन पर हिंदुस्तान व रूस की सेनाएं एक साथ मिलकर आतंक के विरूद्ध प्रहार के युद्धभ्यास में एक साथ हैं। खास बात ये है कि दोनों राष्ट्रों की सेना के तीनों अंग इस युद्धाभ्यास में शामिल हैं। दोनों राष्ट्रों की सेनाएं एक दूसरे के साथ आतंक से लड़ने के ढंग साझा करेंगी। जाहिर है पाक की नजर भी इस युद्धाभ्यास पर है। क्योंकि पाक जानता है कि रूस हिंदुस्तान का बहुत पुराना साझेदार है व हिंदुस्तान ने अमेरिकी दखल को भी दरकिनार करते हुए रूस के साथ कई बड़े रक्षा सौदे किए हैं।

भारत-रूस साथ, आतंक पर होगा आघात
सबसे पहले आप ये जान लीजिए कि इस युद्धभ्यास का नाम इंद्र ही क्यों है। INDIA से IND शब्द लिए गए हैं व रशिया से R व A शब्दों को मिलाकर बना है। इस युद्धाभ्यास के जरिए दोनो राष्ट्रों की सेनाएं एक दूसरे की युद्धक रणनीतियों व सैन्य हथियारों की तकनीक साझा करेंगी। दोनो राष्ट्रों के जवानों के साहस, हौसला व जज्बा देखकर शत्रु घबराया हुआ है। सैन्य एक्सरसाइज के माध्यम से दोनो देशो की सेनाएं एकजुटता के साथ ऑपरेशन के दौरान रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाएंगी।

दो वर्ष पहले हिंदुस्तान व रूस की सेना के तीनों अंगों ने साथ मिलकर पहली बार एक्सरसाइज किया था। तब भी जमीन, हवा व समंदर तीनों जगहों पर युद्धाभ्यास हुआ था। रूस के शहर ब्लादिवोस्तक में हुआ। वैसे 2003 से दोनों राष्ट्रों की सेनाओं के बीच 17 बार इन्द्र एक्सरसाइज हुआ है लेकिन ये दूसरा मौका है जब अब हिंदुस्तान व रूस एक साथ तीनों सेनाओं के साथ मैदान में उतरे हैं। इस युद्धाभ्यास में दोनों राष्ट्रों की सेनाएं इस बात के गुर भी सीखेंगी कि अगर किसी तीसरे देश में आतंकवादी हमला होता है तो कैसे दोनों देश मिलकर कार्रवाई करेंगे, एक-दूसरे की रणनीति सीखने व भविष्य की चुनौती से बेहतर ढंग से निपटने पर भी फोकस रहेगा।

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