अक्सर पैरों के टखनों व इसके आसपास होने वाली दर्दरहित सूजन ज्यादातर 50 साल या इससे अधिक आयु वालों की समस्या मानी जाती है लेकिन ऐसा नहीं है. मेडिकली यह पेनलेस स्वैलिंग है जो किसी भी आयु और वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकती है. ज्यादातर मामलों में पैरों के निचले हिस्से में अलावा तरल के भरने से ऐसी स्थिति बनती है. कई अन्य कारणों से भी इस दर्दरहित सूजन की स्थिति बनती हैं, जानें इसके बारे में-
कारण
लगातार बैठे रहना
फिजिकल एक्टिविटी या मूवमेंट रक्तसंचार दुरुस्त करता है खासकर पैरों के निचले हिस्से में. लेकिन लंबे समय तक एक ही स्थान बैठे रहने से पैरों तक रक्तसंचार न होने से सूजन आती है. यात्रा करने वालों में ऐसा ज्यादा होता है.
ध्यान रखें : एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से बचें. संभव हो तो बीच-बीच में 2-4 कदम चलें.
गर्भावस्था
इस दौरान पैरों के टखनों में दर्दरहित सूजन देखने को मिलती है. जो कि खासकर तीसरी तिमाही में ज्यादा होती है. इस वजह से गर्भ का आकार बढ़ने से पैरों तक पर्याप्त ऑक्सीजन का न पहुंचना है.
ध्यान रखें: ज्यादा देर खड़े न रहें. शरीर को आराम दें. तब भी सूजन कम न हो तो डॉक्टरी सलाह लें.
अधिक वजन
अधिक वजन वालों में अलावा चर्बी होने के कारण पैरों की धमनियों पर अधिक दबाव पड़ता है. ऐसे में शरीर में उपस्थित अलावा तरल कोशिकाओं में भरने लगता है.
ध्यान रखें : वजन नियंत्रित रखें. प्रतिदिन 30 मिनट वॉक करें. तली-भुनी और मसालेदार चीजें न खाएं.
हार्ट फेल्योर
हार्ट फेल्योर यानी मरीज में दिल तक रक्त को पंप करने की क्षमता के घटने की स्थिति. यह भी पेनलेस स्वैलिंग का एक कारण है.
ध्यान रखें: गहरी सांस लेने और छोड़ने की क्रिया करने की आदत डालें. दिल रोगों से जुड़ा कोई अन्य लक्षण महसूस हो तो बिल्कुल नजरअंदाज न करें.
किडनी रोग
शरीर में पानी व नमक की मात्रा को सामान्य बनाए रखने का कार्य किडनी करती है. लेकिन इन दोनों में असंतुलन होने से पैरों में सूजन आना किडनी से जुड़ी बीमारी का आम लक्षण बनकर उभरता है.
ध्यान रखें: भोजन में नमक की मात्रा कम रखें. रोज 6-7 गिलास पानी पीएं.
ज्यादातर लोगों में किसी न किसी रोग के कारण शरीर में सूजन की समस्या होती है. लेकिन महत्वपूर्ण नहीं कि हर बार ऐसा किसी रोग की वजह से ही हो. रक्तवाहिकाओं में रक्त वऑक्सीजन का ठीक संचार न होना या किसी कोशिका पर दबाव पड़ने से भी ऐसा होने कि सम्भावना है.
अन्य वजह
लीवर संबंधी और ऑटो इम्यून रोग, हाइपोथायरॉडिज्म, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने वाली दवाओं के कारण भी दर्दरहित सूजन आती है.
इलाज
ब्लट और यूरिन टैस्ट, एक्स-रे, ईसीजी जाँच से स्थिति का पता लगाते हैं. सूजन का कारण स्पष्ट होने पर स्थिति के अनुसार दवाएं देते हैं.
ध्यान रखें
– बैठने या लेटने के दौरान पैर सीधे रखें. तकिए का सहारा लें.
– हाथों से पैरों पर टखने से घुटने की ओर हल्का दबाव देते हुए मालिश व मसाज कर सकते हैं.
– नमक कम खाएं. इससे सूजन और पानी इकट्ठा नहीं होता.
– यात्रा के दौरान पैरों की पोजीशन थोड़ी-थोड़ी देर में बदलते रहें.
– वजन अधिक है तो नियंत्रित करें.