कार में बेकार भाग लगाने पर कार कंपनी पर जिला उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना ठोका है। साथ ही, यह जुर्माना डीलर पर भी लगाया है। उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक को मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपये देने का आदेश दिया है। ईटी की न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक हैदराबाद के रहने वाले के सुदर्शन रेड्डी ने जुलाई 2014 में मारुति के डीलर वरुण मोटर्स से मारुति ऑल्टो खरीदी थी। लेकिन 6 महीने में ही कार में कई दिक्कतें आने लगीं। उसका इंजन भी आवाज करने लगा, पीछे के दरवाजे का लॉक लीवर टूट गया, कार का हॉर्न बेकार हो गया, यहां तक कि फ्रंट विंडशील्ड में भी क्रैक आ गया। उपभोक्ता फोरम को रेड्डी ने बताया कि वह तुरंत शोरूम पहुंचे व उसके बाद अधिकृत सर्विस सेंटर से इन दिक्कतों के निवारण के लिए सम्पर्क किया। लेकिन कंपनी ने पुराने हॉर्न की स्थान हॉर्न को ही अच्छा करने की प्रयास नया हॉर्न लगाने की बजाय बेकार की।इस मुद्दे में रेड्डी ने दावा किया कि अगले दिन जब वे कार्य पर निकले तो इंजन फिर आवाज करने लगा व हॉर्न ने कार्य करना बंद कर दिया। उन्होंने दावा किया कि बेकार हॉर्न के चलते उन्हें मजूबरन गाड़ी धीरे चलानी पड़ी व इस दौरान एक दुघर्टना भी उनके साथ हुई। रेड्डी के मुताबिक गाड़ी धीरे चलाने से उनकी गाड़ी कम माइलेज देती थी व उन्हें कार्य पर जल्दी निकलना पड़ता था व रात को घर देरी से पहुंचते थे। जब मारुति सुजुकी व वरुण मोटर्स इस परेशानी को अच्छा करने में नाकामयाब रहे, तो उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम की शरण ली व मुआवजा मांगा। वहीं मारुति के प्रतिनिधि ने न्यायालय को दिए अपने जवाब में बोला कि सुदर्शन ने हॉर्न के कार्य नहीं करने को लेकर कोई शिकायत पंजीकृत नहीं कराई, केवल ये बताया कि हार्न बेकार है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उनका बोलना था कि उन्होंने हॉर्न को एडजस्ट किया व उसी दिन अच्छा करके गाड़ी वापस कर दी। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता का ये बोलना कि हॉर्न कार्य नहीं करने की वजह से दुघर्टना हुई, तो यह दावा झूठा है। वहीं वरुण मोटर्स का बोलना था कि वे वांरटी पीरियड में केवल सर्विस देने के लिए जिम्मेदार हैं व उनकी कोई गलती नहीं है। ट्रायल के दौरान जिला उपभोक्ता फोरम ने बोला कि खासतौर पर हैदाराबाद के ट्रैफिक में हॉर्न के अभाव में हमेशा दुघर्टना होने का अंदेशा रहता है। हॉर्न होने से हैवी ट्रैफिक में भी गाड़ी सरलता से निकल जाती है व एक्सीडेंट के चांसेज कम होते हैं। वहीं कंपनी व डीलर का यह बोलना कि हॉर्न के कार्य नहीं करने से एक्सीडेंट होने की आसार नहीं है, तो यह बोलना बिल्कुल आधारहीन व बेबुनियाद है।