देश के लिए युद्ध लड़ने वाले हुकुम सिंह Hukum Singh ने देश के भीतर भी समाज की समरसता को बरकरार रखने के लिए खासा जंग जड़े। मुज़फ्फरनगर दंगों से लेकर कैराना से हिंदुओं के पलायन तक हुकुम सिंह सुर्ख़ियों में छाए रहे। चीन के साथ युद्ध में शामिल रहे 79 वर्ष के हुकुम सिंह की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख जताया।हुकुम सिंह को कई दिनों से सांस लेने में काफी तकलीफ थी,उनका इलाज नोएडा के जेपी अस्पताल में चल रहा था।
Hukum Singh ने चीन से दो-दो हाँथ
- 5 अप्रैल 1938 को कैराना में जन्में हुकुम सिंह Hukum Singh के अंदर बचपन से ही देश के लिए कुछ करने की चाहत रही।
ढाई करने के बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे। - 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में हिस्सा भी लिया, चीनी सेना के साथ युद्ध किया।
- 1969 में रिटायर होने के कुछ दिन बाद तक वकालत भी किया।
- 1974 में वो राजनीति में आ गए और कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक बने।
- 1995 में इन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
- 2013 में मुज़फ्फरनगर दंगे के बीच कई ऐसे बयान दिए जिनका काफी विरोध भी हुआ।
- 2014 में बीजेपी के टिकट से पहली बार चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे।
- हाल ही में कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाकर वो सुर्खियों में आए।
- रेप की घटनाओं के लिए मुस्लिम लड़कों को जिम्मेदार ठहराने पर विवादों से घिरों।