शहीद दिवस रैली के दौरान ममता बनर्जी द्वारा लगाए गये ओरोप जिसमें उन्होंने बोला कि केंद्रीय एजेंसियां उनकी पार्टी के नेताओं व निर्वाचित प्रतिनिधियों को बीजेपी से सम्पर्क करने, वरना चिट फंड घोटालों में कारागार भेजने की धमकी दे रही हैं. इस दौरान उन्होंने किसी केंद्रीय एजेंसी का नाम नहीं लिया. उनके इस आरोप पर भाजपा ने अब पलटवार किया है. पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने सीएम ममता बनर्जी को CBI के उन अधिकारियों का नाम बताने की रविवार को चुनौती दी, जिन्होंने भगवा दल में शामिल होने के लिए तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेताओं को कथित तौर पर धमकी दी थी.घोष ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज, उन्होंने (बनर्जी ने) आरोप लगाया कि CBI के ऑफिसर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बीजेपी से सम्पर्क करने, वरना चिटफंड घोटाले में कारागार भेजने की धमकी दे रहे हैं. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह अपनी पार्टी के नेताओं को धमकाने वाले अधिकारियों के नाम बताएं.’’ अगर वह किसी ऑफिसर का नाम नहीं बता पाती हैं तो उन्हें आधारहीन आरोप लगाने से बचना चाहिए.
बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ‘‘कर्नाटक में की गई (विधायकों की) खरीद फरोख्त’’ को बंगाल में भी दोहराना चाहती है व तृणमूल कांग्रेस पार्टी के प्रत्येक विधायक को दो करोड़ रुपये नकद तथा एक पेट्रोल पंप की पेशकश कर रही है. इस पर रिएक्शन देते हुए घोष ने बोला कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के किसी भी विधायक का इतना ज्यादा ‘बाज़ार मूल्य’ नहीं है.यदि वे लोग सड़क पर भी खड़े हो जाएं तो भी उन्हें खरीदने में कोई रूचि नहीं लेगा. यहां तक कि बनर्जी का भी इतना अधिक ‘बाजार मूल्य’ नहीं है. दरअसल पश्चिम बंगाल में हुए करोड़ों रूपये के दो पोंजी घोटालों की CBI व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भिन्न-भिन्न जाँच कर रही है.