किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुट गई है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर ने इस दिशा में किए प्रयासों की गहन समीक्षा की व संबंधित परियोजनाओं की गति को तेज करने का आदेश दिया.किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों ने तोमर के समक्ष योजनाओं की ठीक तस्वीर रखी. नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी ऑफिसर(सीईओ) अशोक दलवई ने समीक्षा मीटिंग में साल 2022 तक आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में किए गए कार्यो का ब्योरा पेश किया. दलवई ने परंपरागत फसलों की खेती के साथ अन्य संबंधित उद्यमों के विकास का विवरण पेश किया. उन्होंने मीटिंग में बताया खेती में उपज से फायदा को बढ़ाने के साथ-साथ संसाधनों का उचित इस्तेमाल कर लागत में कटौती जैसे तरीका किए जा रहे हैं. फसल चक्र को अपनाने के साथ खेती में विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है, जिसके तहत ऊंचे दाम वाले फसलों की खेती की जा रही है.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए गैर-कृषि कार्यो से किसानों को जोड़ने के बारे में तोमर ने विस्तार से जानकारी मांगी. समीक्षा मीटिंग में उन्हें बताया गया कि इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो योजना के विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है. खेती को जोखिम से बचाने के लिए फसल बीमा योजना, किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाना व किसानों तक खेती की उन्नत जानकारी पहुंचाने को प्रमुखता दी गई है. मीटिंग में अधिकारियों ने कृषि मंत्री को बताया कि कृषि कार्यो से 60 व गैर-कृषि कार्यो से 40 फीसद तक आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी रणनीति तैयार कर किसानों तक पहुंचा दी गई है. उसके अमल के लिए प्रदेश सरकारों पर लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है.दूसरी योजना के तहत मांग आधारित खेती पर जोर दिया जा रहा है. मीटिंग में बताया गया कि उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व, जलवायु बदलाव के कुप्रभावों से बचाने के तरीकों पर जोर दिया जा रहा है.