पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका लगा है। INX मीडिया केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। यानी अब ED पी। चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है। साथ ही कोर्ट ने इस बात को भी मान लिया है कि ईडी इस मामले में पी। चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है।
बता दें कि आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी। चिदंबरम अभी भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में हैं। अंतरिम जमानत और सीबीआई कस्टडी के मसले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने अपना फैसले पढ़ते हुए कहा कि एजेंसी की तरफ से केस डायरी को अदालत में पेश किया जा सकता है। सर्वोच्च अदालत में सुनवाई के लिए नलिनी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पी. चिदंबरम की ओर से सीबीआई की हिरासत का विरोध किया गया था, हालांकि राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पी। चिदंबरम को 5 सितंबर तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। 21 अगस्त को सीबीआई ने पी। चिदंबरम को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से ही वह हिरासत में हैं। गुरुवार को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पी। चिदंबरम की हिरासत पर भी सुनवाई होनी है, 5 सितंबर को ही ये हिरासत खत्म हो रही है। यानी अगर सीबीआई को अदालत से पी। चिदंबरम की हिरासत नहीं मिलती है या उसकी तरफ से कोई मांग नहीं की जाती है तो ईडी तुरंत इस मामले में पूछताछ के लिए पी। चिदंबरम को गिरफ्तार कर सकती है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया था कि अभी उन्हें पी. चिदंबरम की और कस्टडी नहीं चाहिए, ऐसे में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। अगर पी. चिदंबरम को न्यायिक कस्टडी में भेजा जाएगा तो उन्हें तिहाड़ जेल जाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अग्रिम जमानत को किसी को उसके अधिकार के तौर पर नहीं दिया जा सकता। ये केस टू केस पर निर्भर करता है। हमने ED की केस डायरी को देखा है और हम उनके इस दावे से सहमत हैं कि मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर हिरासत में पूछताछ जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ED की उस बात से सहमत हैं की मनी ट्रेल को उजागर करना जरूरी है। ED ने सीलबंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज दिए थे। परंतु हमने उन्हें नहीं देखा।