भारतीय टीम के पहले मैच में एमएस धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स पर बने बैज ‘बलिदान’ को लेकर उपजे टकराव ने तूल पकड़ लिया है। एक तरफ आईसीसी बीसीसीआई पर धोनी को अपने ग्लव्स से यह चिन्ह (Badge) हटाने को बोला है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोग धोनी के इस जेस्चर की तारीफ कर रहे हैं। आपको बताते हैं कि धोनी ने इंडियन आर्मी की जिस यूनिट का बैज लगाया है उसे किस कार्य के लिए बोला जाता है पारा स्पेशल फोर्स और उसके जवानों को किस तरह की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। दरअसल क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी इंडियन आर्मी की जिस पारा स्पेशल फोर्स यूनिट में लेफिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित हैं। वह इंडियन आर्मी के स्पेशल ऑपरेशंस के दौरान पैराशूट रेजिमेंट के साथ कार्य करती है। अक्टूबर 1941 में 50 वीं पैराशूट ब्रिगेड के निर्माण के साथ इस यूनिट की विरासत द्वितीय दुनिया युद्ध के समय से जानी जाती है। इसकी स्थापना इंडियन आर्मी के यूनिट के बतौर सन् 1965 में हुई थी। पैरा कमांडोज़ बंधक बचाव (होस्टेज रेस्क्यू), आतंकवाद निरोध (काउंटर टेररिज्म), पर्सनल बचाव (पर्सनल रिकवरी) में विशेष रूप से पारंगत किए जाते हैं।
इनमें से लगभग सभी को भारतीय सेना के पैराशूट रेजिमेंट से भर्ती किया जाता है। इनके द्वारा किए गए प्रमुख ऑपरेशन्स में 1971 व 1999 का पाक युद्ध है। साथ ही इस यूनिट के जवान 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार का भी भाग रहे चुके हैं।
2015 में धोनी ने ली थी पैरा कमांडो की ट्रेनिंग
धोनी के दस्तानों पर भारतीय सेना की एक ब्रिगेड का बिल्ला (Badge) बना था जिस पर लिखा था ‘बलिदान’। बैज भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी की पारा स्पेशल फोर्स का बैज (बिल्ला-चिन्ह) है, जिसका नारा है ‘बलिदान’। धोनी के दस्तानों पर ‘बलिदान ब्रिगेड’ का चिन्ह है। सिर्फ पैरामिल्रिटी कमांडो को ही यह चिन्ह धारण करने का अधिकार है। धोनी को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधि मिली थी। धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग भी ली है।
यह पहली बार नहीं है जब धोनी ने मैदान के अंदर सुरक्षा बलों के प्रति अपना सम्मान दिखाया है। उन्होंने इससे पहले मार्च में आस्ट्रेलिया के साथ हुए वनडे मैच के दौरान भी आर्मी वाली कैप पहनकर विकेटकीपिंग की थी। धोनी को 2011 में सेना ने मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से सम्मानित किया था। धोनी ने तीन अप्रैल 2018 को लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी में राष्ट्रपति भवन में पद्म भूषण अवॉर्ड प्राप्त किया था।
महेंद्र सिंह धोनी को इंडियन आर्मी ने लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी हुई है, इसलिए धोनी फौजी की वर्दी में इस समारोह में शामिल हुए। पद्म भूषण पुरस्कार स्वीकार करने के लिए धोनी सेना की वर्दी में एक फौजी की तरह मार्च करते हुए आए। उन्होंने राष्ट्रपति को सैल्यूट किया व फिर पुरस्कार स्वीकार किया।
इस प्रोग्राम में महेंद्र सिंह धोनी अपनी पत्नी साक्षी के साथ शामिल हुए। साक्षी इस दौरान पीली सिल्क की साड़ी में नजर आईं। महेंद्र सिंह धोनी व साक्षी पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिले।पीएम नरेंद्र मोदी ने धोनी को पद्म भूषण पुरस्कार की शुभकामना दी व उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाईं।
अब इस बैज को लेकर क्रिकेट जगत में बहस प्रारम्भ हो गई है। एक तरफ कुछ लोग इसे अपने देश की सेना के सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं जो वहीं दूसरी तरफ कुछ जानकार इसे आईसीसी रूल का उल्लंघन मानते हैं। आईसीसी ने इस मुद्दे में बीसीसीआई से जवाब मांगा है।
बीसीसीआई की प्रशासक कमेटी ने इस मुद्दे को लेकर आज मीटिंग की है। ऐसी भी समाचार आ रही है कि बीसीसीआई धोनी के बलिदान बैज लगाने के समर्थन में है। बीसीसीआई के CEO राहुल जौहरी आज लंदन जाएंगे व आईसीसी अधिकारियों से मुलाकात कर अपने पक्ष रखेंगे।