जब जन्म के समय ही हो गया एक्सीडेंट
जिस गावस्कर ने इमरान खान व मैल्कम मार्शल जैसे गेंदबाज़ों को परेशान किया, शायद वो कभी संसार के सामने आ ही नहीं पाता, अगर उनके अंकल ने उन्हें जन्म के समय खोने से बचाया नहीं होता। सुनील गावस्कर, जिनका जन्म 10 जुलाई,1949 को हुआ था, वो जन्म के समय खो गए थे। गावस्कर ने अपनी आत्मकथा, (Sunny Days) में उन दिनों को याद करते हुए लिखा है, ‘मैं शायद कभी एक क्रिकेटर नहीं बन पाता व ये किताब तो कभी आप लोगों के सामने नहीं आ पाती। अगर मेरे एक रिश्तेदार, नारायण मसूरेकर, मेरे जन्म के दिन मेरी ज़िंदगी में न आए होते। ‘ सुनील ने आगे लिखा कि ऐसा लगता है कि नान-काका (जैसा कि मैं उन्हें बुलाया करता था), जो मुझे मेरे जन्म के दिन हॉस्पिटल में देखने आए थे, उन्होंने मेरे बाएं कान के पास एक छेद देखा था। ‘
उन्होंने आगे बताया कि कैसे उनके नान-काका ने उन्हें एक मछुवारी के बच्चे से एक्सचेंज होने से बचा लिया। ‘अगले दिन वो फिर से हॉस्पिटल आए व उन्होंने मेरी मां के पालने में रखे बच्चे को गोद में लिया। वो ये देखकर भय गए कि उस बच्चे के कान के पास वो छेद नही थे जो उन्होंने मेरे कान के पास देखा था। उसके बाद हॉस्पिटल के सारे पालनों में मुझे ढूंढा गया वआख़िरकार, मैं एक मछुवारी के पास सोता हुआ पाया गया। इस बात से बिलकुल बेखबर, कि मेरे कारण कितना हो हल्ला हो चुका था। ‘
बने पहले दस हज़ारी
गावस्कर के नाम वैसे तो कई रिकॉर्ड हैं। पर, उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यही मानी जाती है कि वो दुनिया क्रिकेट में पहले बल्लेबाज़ बने, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाए।अपने करियर के दौरान गावस्कर ने सबसे ज़्यादा टेस्ट रन व सबसे ज़्यादा टेस्ट सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। उन्होंने करीब दो दशक तक सबसे ज़्यादा टेस्ट सेंचुरी (34) का रिकॉर्ड अपने नाम रखा था।
जब तक सचिन तेंदुलकर ने उनका ये रिकॉर्ड 2005 में नही तोड़ा था। वेस्ट इंडीज के अटैक के सामने सबसे खतरनाक गावस्कर के करियर के दौरान वेस्ट इंडीज का गेंदबाज़ी अटैक सबसे खतरनाक माना जाता था। लेकिन दुनिया क्रिकेट में सिर्फ एक बल्लेबाज़ था, जो उस अटैक के सामने कभी नहीं डरता था, व वो गावस्कर थे। इंडीज पेस अटैक के सामने गावस्कर का 65.45 का औसत था व ये ना सिर्फ उस समय, बल्कि आज के हिसाब से भी बहुत ज्यादा ज़्यादा है।
अनेक रिकॉर्ड किए अपने नाम
टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10,000 रन बनाने के अलावा, उनके नाम 2005 तक सबसे ज़्यादा टेस्ट सेंचुरी लगाने का रिकॉर्ड था। उनके नाम डेब्यू सीरीज में सबसे ज़्यादा रन (774) बनाने का रिकॉर्ड है। वेस्ट इंडीज के विरूद्ध एक सीरीज में सबसे ज़्यादा रन (774) बनाने का रिकॉर्ड भी सनी के नाम है। ये गावस्कर के कुछ बहुत ही बड़े रिकॉर्ड हैं। इनके अतिरिक्त भी गावस्कर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं।
सम्मानों की लगा दी झड़ी
गावस्कर को क्रिकेट के कारण कई सम्मानों से नवाज़ा गया। इसमें सबसे बड़ा सम्मान पदमश्री व पदम्भूषण हैं। इनके अतिरिक्त बॉर्डर-गावस्कर टूर्नामेंट को उनका नाम दिया गया है। उनके गृहनगर वेंगुर्ला में उनके नाम का स्टेडियम है। 2012 में उन्हें बीसीसीआई की तरफ से कर्नल सी। के। नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाज़ा गया था।
आज भी क्रिकेट से गहरा नाता
क्रिकेट से सनी अब भी जुड़े हुए हैं। वो अक्सर कमेंटेटर व विश्लेषक के रूप में कई चैनलों में नज़र आते हैं। इसके अतिरिक्त वो अक्सर आर्टिक्ल लिखते रहते हैं व कई जगहों पर लेक्चरार के तौर पर भी जाते हैं। वे कई कमिटियों का हिस्सा हैं व क्रिकेट से अब भी बहुत ज्यादा करीब हैं।