हिंदू धर्म में मान्यता है कि ग्रह-नक्षत्रों की चाल व उनकी हालात का मनुष्य के किस्मत पर प्रभाव पड़ता है। ग्रह-नक्षत्रों के एकसाथ आने से बने खास योग को ‘पंचक’ बोला जाता है। इस समय चंद्रमा कुंभ व मीन राशि में दष्टिगोचर होता है।ज्योतिषशास्त्र में पंचक काल में शुभ कार्य करने की मनाही है। यह अशुभ समय माना जाता है। पंचक में धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद व रेवती नक्षत्र का संयोग बनता है। पंचक हर माह लगता है। इस बार 23 जून रविवार के दिन से पंचक लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पंचक काल में शुभ कर्मों का भी असर उलटा पड़ता है। इस काल में धन के लेनदेन, बिज़नेस, यात्रा व किसी भी प्रकार की सौदेबाजी से परहेज करना चाहिए।इस समय इन कामों को करने से आर्थिक नुकसान की आसार बनी रहती है।
पंचक में न करें ये काम
– ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक़, पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा से परहेज करना चाहिए क्योंकि ये यम की दिशा मानी गई है। इस दौरान शवदाह नहीं करना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो मुर्दे का क्रियाकर्म किसी योग्य और जानकार पंडित से पूछकर करना चाहिए।
– ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक़, पंचक के दौरान पलंग बनवाना अशुभ माना गया है। पंचक के दौरान अगर रेवती नक्षत्र हो व उस समय भवन निर्माण का कार्य चल रहा हो तो छत नहीं डलवानी चाहिए।