विश्व कप जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही इंग्लैंड और भारत की टीमें टूर्नामेंट में एक दूसरे के आमने सामने थी। इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने 50 ओवर के खेल में 337/7 का बढ़िया स्कोर बनाया। टीम इंडिया को मैच जीतने के लिए 338 रन बनाने थे, लेकिन टीम सिर्फ 306/5 रन ही बना सकी और यह मैच 31 रन से हार गयी। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम की यह पहली हार रही, जबकि इंग्लैंड ने इसी जीत के साथ अपने सेमीफाइनल की उम्मीदों को एक बार फिर से जिंदा कर लिया। भारतीय टीम के लिए रोहित शर्मा ने सबसे ज्यादा 102 रन बनाये, इंग्लैंड की जीत में लियाम प्लंकेट ने सर्वाधिक तीन विकेट अपने नाम किये।
इंग्लैंड के विरुद्ध मिली इस हार के बाद फैंस ने धोनी की धीमी बल्लेबाज़ी को जिम्मेदार ठहराया। महेंद्र सिंह धोनी ने काफी निराशाजनक खेल दिखाया। कहने को धोनी ने भले ही 31 गेंदों में नाबाद 42 रन बनाये हो लेकिन उन्होंने अंत के पांच से छह ओवर में जीत का बिलकुल भी प्रयास नहीं किया। इस पर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने बयान में धोनी के बचाव में कहा,”मेरे हिसाब से एमएस ने शॉट्स लगाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। इंग्लैंड ने अच्छी जगह पर गेंदबाजी की और रन नहीं बनाने दिए। अब हमारी टीम को अगले मैच से पहले यह सोच विचार करने की जरूरत हैं कि हमें क्या क्या सुधार करने की जरूरत है।”
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद अपने बयान में कहा, ”एक समय मुझे ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम 360 रन बनाने सफल रहेगी, लेकिन हमने अच्छी वापसी करते हुए उनको 330 के आस पास ही रोक दिया।” टीम की बल्लेबाजी को लेकर विराट कोहली ने आगे कहा, ”मुझे ऐसा लगता हैं कि अगर हमारी बल्लेबाजी थोड़ी सी बेहतर रहती तो शायद परिणाम कुछ और ही होता। जब पन्त और पंड्या बल्लेबाजी कर रहे थे, तब हमारे मैच जीतने के चांस थे। मगर इसके बाद हमारे विकेट लगातार गिरे और बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए यह बिलकुल भी सही नहीं हैं। ड्रेसिंग रूम में अब हमें यह विचार करना होगा कि कमी कहा रह गयी। इंग्लैंड के गेंदबाजों को जीत का श्रेय जाना चाहिए।”
विराट कोहली ने आगे अपने बयान में कहा, कि ”मुझे नहीं लगता कि टॉस का एक बड़ा रोल रहा. हम बल्लेबाजी में थोड़ा पीछे रह गये, मेरे हिसाब से विकेट आज काफी फ्लैट था। हमको सही समय पर रनों की गति बढ़ाने की जरूरत थी, लेकिन इंग्लैंड ने आज अच्छी गेंदबाजी की. छोटी बाउंड्री को ध्यान में रखते हुए इंग्लैंड ने बढ़िया गेंदबाजी की।”