चोटील चल रहे भारत के युवा क्रिकेट खिलाड़ी पृथ्वी शॉ अब एक बड़ी मुसीबत में आ गए हैं। युवा बल्लेबाज शॉ को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने डोपिंग नियमों के उल्लंघन करने पर बैन कर दिया है। BCCI ने मंगलवार को एक बयान जारी कर ये जानकारी दी है। बोर्ड ने कहा कि शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित दवा का सेवन किया जो आमतौर पर कफ सीरप की दवा में पाया जाता है। जिसके सेवन से शॉ पर डोपिंग के उल्लंघन का आरोप लगा।
BCCI ने कहा की, ‘BCCI के डोपिंग रोधी कार्यक्रम के तहत शॉ ने 22 फरवरी, 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान अपना मूत्र सैम्पल दिया था। उनके सैम्पल की जांच हुई जिसमें प्रतिबंधित दवा टर्बूटालाइन के अंश पाए गए थे। ये पदार्थ वाडा के प्रतिबंधित पदार्थ की सूची में शामिल है।’ ये पदार्थ अगर कोई भी खिलाड़ी लेता है तो इससे उसके खेलने की क्षमता बढ़ जाती है।
BCCI के बयान में कहा गया है कि ‘ शॉ को 16 जुलाई, 2019 को BCCI के डोपिंग रोधी नियमों के अंतर्गत डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन का दोषी पाया गया और उन्हें आरोप की जांच होने तक अस्थायी रूप से बैन कर दिया गया है। शॉ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को माना, लेकिन कहा कि उन्होंने अनजाने में इस पदार्थ का सेवन किया, चूंकि उन्हें खांसी थी और इसके लिए उन्होंने जो दवाई ली थी उसमें प्रतिबंधित पदार्थ के अंश थे जिससे वो अनजान थे।’
बता दें कि BCCI ने पृथ्वी शॉ द्वारा दी गई सफाई को भी मान लिया है और माना है कि उन्होंने अपनी तबियत ठीक करने के लिए वो पदार्थ लिया न कि प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए। सभी सबूतों और विशेषज्ञों की सलाह को मानते हुए BCCI ने शॉ की सफाई को कबूल किया और सहमति जताई कि उनकी अपात्रता के लिए आठ माह की अवधि को लागू किया जाना चाहिए।