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देहरादून राज्य के 13 जिलों के 200 विद्यालयों में नौ ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा इस टेंडर की वजह से फंसी

देहरादून राज्य के 13 जिलों के 200 विद्यालयों के तकरीबन 10 हजार छात्र-छात्राओं को नवीं कक्षा से नौ ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा देने की योजना करीब डेढ़ साल से टेंडर की शर्तें तय नहीं होने या उसमें पेच फंसने से अटकी पड़ी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छात्रों के कौशल विकास के ड्रीम प्रोजेक्ट को देखते हुए तैयार की गई केंद्र सरकार की नई व्यावसायिक शिक्षा नीति पर प्रदेश की भाजपा सरकार अमल करने में हांफ गई है। महीनों से इस योजना के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पार्टनर के चयन को ई-टेंडरिंग की अनुमति पर शासन कुंडली मारकर बैठा हुआ है।

प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा को लेकर सरकार की सुस्ती ने इस योजना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस मामले में शासन की कार्यप्रणाली केंद्र और राज्य में कौशल विकास को प्रोत्साहित करने की नीति से उलट साबित हो रही है। बीते साल 2018 के दिसंबर माह में इस योजना को लेकर कसरत तेज किए जाने से केंद्र से मिलने वाली मदद पर लैप्स होने का खतरा तो टल गया, लेकिन जितनी तेजी से इस योजना को अंजाम देने की जरूरत है, वह नहीं हुआ। सरकारी विद्यालयों में इस योजना को स्किल इंडिया के तहत संचालित करने का निर्णय किया गया। पुराने ट्रेड के स्थान पर नए ट्रेड चिह्नित किए गए।

बाद में चार ट्रेड की संख्या बढ़ाकर नौ कर दी गई। तमाम प्रयासों के बावजूद व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पार्टनर का चयन नहीं किया जा सका। बार-बार बिड में तीन के बजाय एक ही पार्टनर सामने आने से बिड फेल हो गई थी। बाद में व्यावसायिक शिक्षा को ई-टेंडरिंग के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया गया। नौ ट्रेड के लिए ई-टेंडङ्क्षरग के जरिये बीते जनवरी माह तक पार्टनर तय किए जाने थे, लेकिन ये कार्य अब आठ माह यानी अगस्त माह गुजरने पर भी पूरा नहीं हो सका है।

राज्य के सभी 13 जिलों में 200 राजकीय इंटर कॉलेजों में उक्त योजना प्रारंभ होनी है। इनमें 45 कॉलेजों में दो-दो ट्रेड और शेष में एक-एक ट्रेड शुरू किए जाएंगे। इन ट्रेड के लिए कुल 255 लैबोरेट्री बनाई जाएंगी। उक्त कॉलेजों में नवीं से छात्र-छात्राएं व्यावसायिक शिक्षा में दाखिला ले सकेंगे। उक्त प्रशिक्षण के लिए करीब 255 शिक्षकों की नियुक्ति व्यावसायिक पार्टनर के माध्यम से की जाएगी। ई-टेंडरिंग के जरिये पार्टनर चुने जाने की प्रक्रिया ढुलमुल रवैये का शिकार होकर रह गई है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा लागू करने में देरी का मसला गंभीर है।

प्रदेश के छात्र-छात्राओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा योजना फायदेमंद है। इस संबंध में जल्द शासन और विभाग की बैठक बुलाकर संबंधित अधिकारियों को उक्त योजना तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए जाएंगे

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