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निलंबन के बाद भी ‘गांधी’ बनवा रहे हैं एमडीएम,कर रहे खाते का संचालन

रायबरेली। विवादित शिक्षक बृजेंद्र शरण श्रीवास्तव ‘गांधी’ का रसूख निलंबित होने के तीन महीने बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग में कायम है। वित्तीय धन के गमन का आरोप सिद्ध होने के बाद इस शिक्षक से जहां एक ओर विभाग ने रिकवरी की है, वहीं दूसरी ओर निलंबित होने के बावजूद भी इसे एमडीएम बनवाने और खाता संचालन की जिम्मेदारी सौंप रखी है। जिन अधिकारियों ने निलंबन के बाद भी इसको वित्तीय खाते के संचालन की जिम्मेदारी दे रखी है, वह अधिकारी इसके द्वारा एमडीएम बनाने में किए जा रहे घालमेल पर कार्रवाई क्या करेंगे इसका अंदाजा सहायता से ही लगाया जा सकता है।

मंगलवार को अपर जिलाधिकारी न्यायिक को ज्ञापन देकर इस शिक्षक द्वारा किए जा रहे खाता संचालन को रोकने और इसे किसी अन्य ब्लॉक से संबद्ध करने की मांग की गई, जिस पर अपर जिलाधिकारी ने एक नहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है की प्राथमिक विद्यालय डीह ब्लाक के सादीपुर कोटवा में तैनात शिक्षक बृजेंद्र शरण श्रीवास्तव को बीते अप्रैल माह में निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बाद से लगातार बृजेंद्र शरण द्वारा अपने विभागीय उच्चाधिकारियों के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अभद्र और अशोभनीय टिप्पणी की जा रही है।

यही नहीं निलंबन की जांच कर रहे जांच अधिकारी के विरुद्ध तमाम तरह की जन सूचना मांग कर यह शिक्षक उन पर दबाव बना रहा है। विवेक विभागीय अधिकारियों के विरोध में लगातार शिक्षक द्वारा मनगढ़ंत एवं झूठे आरोप लगाकर पत्राचार किया जा रहा है जिसकी वजह से कोई भी अधिकारी इस पर कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। तमाम प्रकरणों को लेकर मीडिया का एक प्रतिनिधिमंडल 27 जुलाई को जिलाधिकारी नेहा शर्मा से मिला और इस शिक्षक की सारी कारगुजारियों से उन्हें अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी से इस शिक्षक की मजिस्ट्रेट जांच कराने की भी मांग की जिस पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अपर जिला अधिकारी न्याय को सारी जांचों का जांच अधिकारी नामित किया।

जांच अधिकारी द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर इसकी सभी जाटों के संबंध में साक्ष्य मांगे गए हैं। अप्रैल माह में निलंबित होने के बाद भी शिक्षक ब्रिजेंद शरण अपने विद्यालय जाकर वहां एमडीएम बनवा रहे हैं और खाते का संचालन कर रहे। खंड शिक्षा अधिकारी डी की जानकारी में एक निलंबित शिक्षक द्वारा किए जा रहे खाते के संचालन पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग की माने तो यह एक घोर लापरवाही और अनियमितता है कि जिस शिक्षक को निलंबित किया गया है, उससे एमडीएम बनवाया जाए और वित्तीय खाते का संचालन कराया जाए। मंगलवार को इस शिक्षक की जांच कर रहे अपर जिलाधिकारी न्यायिक से इस संबंध में शिकायत की गई। एडीएम से यह भी मांग की गई कि इससे लंबे शिक्षक को डी ब्लॉक से हटाकर किसी अन्य ब्लॉक से संबद्ध किया जाए क्योंकि वहां रहते हुए यह जांच भी प्रभावित करेगा।

क्या बोले बीईओ
इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी डीह शिवशंकर मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोई चार्ज लेने को तैयार नहीं है, इसलिए निलंबित शिक्षक से एमडीएम बनवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निलंबन के दौरान यह कोई घपला करेंगे तो उस पर भी कार्रवाई होगी। खंड शिक्षा अधिकारी का यह बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि वह स्वयं नहीं चाहते कि कोई और चार्ज ले अन्यथा एक अधिकारी की बात कौन काट सकता है।

बीएसए देंगे जवाब : एडीएम जे
इस संबंध में जांच अधिकारी एडीएम (जे) रामेश्वर नाथ तिवारी ने कहा कि निलंबित होने के बाद शिक्षक से एमडीएम बनवाना, खाता संचालन कराना विधिक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया जाएगा।

रिपोर्ट- दुर्गेश मिश्रा

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