ईश्वर से अपनी मनोकामनाओं के आशीर्वाद के लिए लिए लोग व्रत का रास्ता चुनते हैं. व्रत के माध्यम से वे प्रभु की तपस्या करते हैं और मनचाही इच्छा का वरदान पाते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें किस मनोकामना के लिए कौन सा व्रत रखना है. आइए आपको बताते हैं आपकी इच्छाओं की पूर्ति के लिए कौन सा व्रत बेहतर होगा.
नौकरी के लिए व्रत और उसके नियम
– नौकरी के लिए 7 शनिवार का व्रत रखना उत्तम होता है
– इस दिन प्रातः काल उठकर सबसे पहले तेल में छाया देखकर, छायादान करें.
– दिन भर केवल जलाहार लें, अन्न का सेवन न करें.
– सायं काल पीपल के वृक्ष में जल डालें, वहीँ सरसों के तेल का दीपक जलाएँ.
– इसके बाद शनि के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें
– सायंकाल उरद की खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं.
धन के लिए व्रत और उसके नियम
– धन की प्राप्ति के भगवती लक्ष्मी का व्रत 8 शुक्रवार को रक्खें.
– इस दिन माँ लक्ष्मी के अष्ट स्वरुप की उपासना करें , अन्यथा धन लक्ष्मी के स्वरुप की पूजा करें.
– दिनभर केवल जलाहार या फलाहार लें , शाम को भी अन्न का सेवन न करें.
– मध्यरात्री में माँ लक्ष्मी के चित्र के समक्ष घी का दीपक जलाकर “ॐ श्रीं श्रीयै नमः” की 11 माला का जाप करें
– माँ लक्ष्मी को गुलाब के पुष्प या गुलाब का इत्र समर्पित करें.
संतान प्राप्ति के व्रत और उसके नियम
– संतान प्राप्ति के लिए माह की त्रयोदशी तिथि, जिसको प्रदोष कहते हैं ,का व्रत रक्खा जाता है
– इस दिन भी केवल जलाहार या फलाहार ग्रहण करें
– प्रातः और सायं 11 माला “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें.
– सायं काल शिव जी के मंदिर में जाकर उनका दर्शन जरूर करें
विवाह के लिए व्रत और उसके नियम
– विवाह के लिए 11 बृहस्पतिवार का व्रत रखना उत्तम होता है
– इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करें, केले की जड़ में जल डालें और वृक्ष की १६ परिक्रमा करें.
– फिर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 108 बार जाप करें.
– सूर्यास्त के पहले पीली चीज का सेवन करें,नमक से परहेज करें
– सायं काल भी अगर चाहें तो मंत्र का जाप कर लें
मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला अचूक व्रत
– दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण और शुभ फलदायी व्रत है – एकादशी व्रत
– यह हर माह में दो बार आती है. शुक्ल पक्ष में और कृष्ण पक्ष में, दोनों को ही करना उत्तम होता है
– इस दिन शुद्ध रूप से जलीय आहार लेना चाहिए, निर्जल रह सकें तो अदभुत परिणाम होंगे
– इस दिन जहां तक हो सके अपने इष्ट या विष्णु भगवान या शिव की खूब आराधना करनी चाहिए
– अगर चारों वेला आराधना की जाय तो कोई भी मनोकामना पूरी की जा सकती है
– अगले दिन सुबह सम्पूर्ण भोजन का किसी निर्धन को दान करें और नीम्बू पानी पीकर उपवास समाप्त करें