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पाकिस्तान की मौजूदा इमरान सरकार की जांच के दायरे से परवेज मुशर्रफ हुए बाहर

पाकिस्तान में सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ की रही लेकिन मौजूदा इमरान सरकार की जांच के दायरे से यह बाहर है। इमरान सरकार का जोर केवल बीते दस सालों की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन)की सरकारों के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार पर है। यह दोनों दल प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल हर साल भ्रष्टाचार की हद और इससे जुड़े आंकड़ों पर रिपोर्ट जारी करती है। इसमें विश्व के देशों की स्थिति का वर्णन होता है और संस्था भ्रष्टाचार की स्थिति के अनुसार देशों की सूची बनाती है।

संस्था की रिपोर्ट से पता चलता है कि पाकिस्तान में सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ की सरकार पीपीपी और पीएमएल-एन की सरकार की तुलना में कहीं अधिक भ्रष्ट थी।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की तरफ से जारी करप्शन पर्सेपशन इंडेक्स (सीपीआई) की सूची में दिखाया गया है कि 2018 का साल पाकिस्तान में सबसे कम भ्रष्टचार का साल रहा जिस दौरान पीएमएल-एन, अंतरिम सरकार और पीटीआई सत्ता में रहीं।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के रिकार्ड से पता चलता है कि साल 2013 से 2018 तक पाकिस्तान में भ्रष्टाचार में हर साल कमी होती गई। सबसे बेहतर वर्ष 2018 रहा जब पाकिस्तान को सौ में 33 अंक मिले। लेकिन, इस अंक से भी यह साबित हुआ कि ‘कम’ होने पर भी पाकिस्तान में भ्रष्टाचार बहुत अधिक है और काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने पहली दफा 1996 में अपनी वैश्विक रिपोर्ट में पाकिस्तान को शामिल किया था और इसे सर्वाधिक भ्रष्ट बताया था। उस समय बेनजीर भुट्टो की सरकार थी। तब पाकिस्तान को सौ में से महज दस अंक मिले थे।

दुनिया भर में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था की सूची में पाकिस्तान के खाते में दूसरा सबसे कम अंक 2004 और 2005 में आया जब देश में परवेज मुशर्रफ की सरकार थी।

धारणा पाई जाती है कि पीपीपी की सरकार के समय पाकिस्तान में भ्रष्टाचार चरम पर था लेकिन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2009 में पीपीपी सरकार के दौरान पाकिस्तान को सौ में चौबीस अंक मिले थे जो मुशर्रफ के दौर में मिले सौ में से इक्कीस अंक से तो बेहतर ही थे। इससे साफ होता है कि बीते 19 साल में सर्वाधिक भ्रष्ट हुकूमत मुशर्रफ की थी।

लेकिन, पाकिस्तान की मौजूदा इमरान सरकार ने हाल में एक उच्चाधिकार प्राप्त आयोग का गठन किया है जो केवल बीते दस साल में लिए गए बेतहाशा कर्ज की जांच करेगा। इसके साथ ही सरकार इस दौरान सरकारों द्वारा किए गए खर्च का ऑडिट कराएगी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराएगी।

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