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बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने वाले एक पुलिस कॉन्सटेबल का कटा चालान, आगे हुआ यह

दिल्ली पुलिस के एक कॉन्सटेबल का बिना इंश्योरेंस और प्रदूषण संबंधी प्रमाणपत्र (PUC) के कार चलाने पर चालान किया गया है. उसकी कार के शीशे भी काले थे. इसके अलावा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गई है. पुलिस ने बताया कि मंगलवार को एक पुरुष और महिला ने मोरी गेट लाल बत्ती के पास तैनात जोनल अधिकारी से संपर्क कर आरोप लगाया कि ट्रैफिक सिग्नल के पास एक कार खड़ी है, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली का है. कार के शीशे भी काले हैं और ये कार कॉन्सटेबल विशाल डबास की है, क्योंकि वो गाड़ी का दरवाजा खोल रहा था.

अधिकारी ने बताया कि बीमा और पीयूसी नहीं होने की वजह से नए मोटर एक्ट के तहत उसका चालान किया गया है. उसकी गाड़ी की नंबर प्लेट भी सही नहीं थी. कार को जब्त कर लिया गया है. वहीं कॉन्सटेबल डबास ने दावा किया कि कार उसके भाई की है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल कर रहा है. पुलिस ने बताया कि कांस्टेबल के कदाचार को लेकर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

मोटर वाहन (संशोधन) कानून 2019 एक सितंबर से अमल में आ चुका है और इसके लागू होने के बाद से ही देश भर में लोगों के भारी चालान काटे जा रहे हैं. सरकार ने मोटर वाहन (संशोधन) कानून 2019 के 63 प्रावधानों को अधिसूचित (नोटिफाई) किया था. इसमें यातायात के नियमों के उल्लंघन को लेकर अधिक जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल है. कुछ समय पहले ही मोटर वाहन (संशोधन) बिल को राज्यसभा और लोकसभा से हरी झंडी मिली थी. इस बिल का उद्देश्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से लोगों को रोकने का है.

लगेगा भारी जुर्माना
नए कानून में बिना लाइसेंस के वाहनों के अनधिकृत उपयोग के लिए 1,000 रुपए तक के जुर्माने को बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है. वहीं शराब पीकर गाड़ी चलाने को लेकर पहले अपराध के लिए 6 महीने की जेल और/ 10,000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. जबकि दूसरी बार के अपराध के लिए दो साल तक जेल और 15,000 रुपए के जुर्माना का प्रावधान किया गया है. ओवरस्पीड के लिए पहले 400 रुपए देने पड़ते थे, वहीं अब LMV के लिए 1000 रुपए और मीडियम पैसेंजर व्हीकल के लिए 2000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है

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