बिहार में बाढ़ का प्रकोप जारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के कुल 12 जिलों के 64 प्रखंड की 20 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इनमें अररिया, किशनगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, कटिहार, मोतिहारी, बेतिया व मुजफ्फरपुर जिले शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कमला बालन नदी में 1987 के बाद इतना अधिक पानी आया है। स्थिति बेहद भयावह है।बाढ़ की वजह से बड़े पैमाने पर सड़कें टूट गई हैं। वहीं, अब तक कुल 31 लोगों की जान जा चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 350 कम्यूनिटी किचेन चलाये जा रहे हैं। कई क्षेत्रों से बाढ़ का पानी उतरना भी प्रारम्भ हो गया है। बाढ़ प्रभावित सीतामढ़ी की सड़कों का सोमवार को मुआयना किया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वजल संसाधन मंत्री संजय झा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किए थे। ग्रामीण विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग व ग्रामीण काम विभाग के सचिव भी प्रभावित क्षेत्रों का निरिक्षण कर रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अभी तक बाढ़ से कुल 31 लोगों की जान जा चुकी हैं। अररिया में सबसे अधिक 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, सीतामढ़ी में 10, शिवहर में एक, किशनगंज में चार, मोतिहारी में दो, मधुबनी में दो व दरभंगा में एक की मृत्यु होने की समाचार सामने आई है। सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए बतौर मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।