देश की फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल ( DHFL ) इस समय भारी वित्तीय संकट का सामना कर रही है. कंपनी के पास फंड की कमी होने के कारण कंपनी को नकदी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी ने शुक्रवार को वित्त साल 2019 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं. इन नतीजों में कंपनी को 2,223 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ( ) की हालत इतनी ज्यादा बेकार हो गई है कि कंपनी कभी भी बंद हो सकती हैभविष्य में बंद हो सकती है कंपनी
कंपनी को हो रहे लगातार नुकसान के बाद डीएचएफएल के चेयरमैन व एमडी कपिल बधावन ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी के बिगड़ते दशा को देखते हुए कंपनी को आगे बढ़ाना बहुत ज्यादा कठिन लग रहा है. अगर कंपनी की मदद नहीं की गई तो भविष्य में कंपनी के बंद होने की भी आसार है. यह बहुत ही चिंताजनक बात है कि कंपनी के पास फंड नहीं है. इसके साथ ही कंपनी के एमडी ने बोला कि फंड जुटाने की उसकी क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है तथा डिस्बर्समेंट नहीं होने से कारोबार में स्थिरता सी आ गई है.
संपत्ति बेचकर पैसा जुटा सकती है कंपनी
कंपनी के हाताल को देकते हुए डीएचएफएल का प्रबंधन अपनी संपत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने पर विचार कर रहा है. कंपनी का मानना है कि अगर हम संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाएंगे तो होने कि सम्भावना है कि हमारी परेशानियां थोड़ी कम हो सकें. कंपनी अपने रिटेल के साथ-साथ होलसेल पोर्टफोलियो को बेचने के लिए बैंकों तथा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से वार्ता कर रहा है. कंपनी अपने लोन की रीस्ट्रक्चरिंग करने के लिए बैंकों के कंसोर्टियम तथा कर्जदाताओं से भी वार्ता कर रही है.
पिछले नौ महीनों में करोड़ों का लोन चुकाया
कंपनी के प्रबंध निदेशक कपिल वाधवन ने कहा, ‘बीते नौ महीनों में हमने अपने तमाम कर्जों को चुकाया है व जल्द से जल्द दोबारा अपने कामकाज को सामान्य करने पर विचार कर रहे हैं. डीएचएफएल का उद्देश्य अपने तमाम स्टेकहोल्डर्स, क्रेडिटर्स व निवेशकों के हितों की रक्षा करने का कार्य बरकरार रखना है.‘
पहली तिमाही में कंपनी को हुआ नुकसान
बता दें कि कंपनी को वित्त साल 2018-19 की चौथी तिमाही में 3,280 करोड़ रुपये की अलावा प्रोविजनिंग करनी पड़ी है, जिसके कारण भी कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है. कंपनी को वित्त साल 2018-19 में 1,036 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है.