भोपाल। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा जारों पर है। पार्टी में चिंतन-मंथन, बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। शनिवार को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक होने से पहले ही संभावित अध्यक्ष को लेकर तकरार तेज हो गई है। वर्तमान में राज्य इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ हैं और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास है। अब पार्टी में नया अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। कमलनाथ इन दिनों दिल्ली प्रवास पर हैं और उनके इस प्रवास को लोकसभा चुनाव के नतीजों और नए प्रदेश अध्यक्ष की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
अध्यक्ष पद के दावेदारों में जो नाम सामने आ रहे हैं, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, राज्य सरकार के मंत्री बाला बच्चन, जीतू पटवारी शामिल हैं। राज्य सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह और इमरती देवी नए अध्यक्ष के तौर पर सिंधिया को पार्टी की कमान सौंपे जाने की मांग कर चुके हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह ने सिंधिया को पार्टी की कमान न दिए जाने की बात कही है। उनका मानना है कि सिंधिया के पास समय की कमी है, क्योंकि वह उत्तर प्रदेश में पार्टी का काम देख रहे हैं। इसलिए उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। एक तरफ जहां सिंधिया का दबे स्वर में विरोध हो रहा है, वहीं पार्टी के भीतर से आदिवासी को संगठन की कमान सौंपे जाने की आवाज जोर पकड़ रही है।