कश्मीर के मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश में लगे पाकिस्तान और चीन दोनो को ही बुरी फजीहत झेलनी पड़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति ने दोनो ही देशों को अंतराष्ट्रीय मंचों पर शर्मसार कर दिया है। पहले G7 की बैठक में चीन की हांगकांग के मुद्दे पर फजीहत हुई और अब अफगानिस्तान पाकिस्तानी गोलीबारी की शिकायत लेकर यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल पहुंच गया है।
पीएम मोदी की अगुवाई में भारत की विदेश नीति में अफगानिस्तान का अहम रोल है। भारत अफगानिस्तान के पुनर्निमाण के कामों में भी पूरी तरह सहयोग दे रहा है। इसी का नतीजा है कि पाक प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को अफगानिस्तान का खुलकर सपोर्ट मिल रहा है। अब अफगानिस्तान ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपनी सीमा पर लगातार हो रही पाकिस्तानी गोलीबारी की यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में शिकायत कर दी है।
अफगानिस्तान ने लिखा है कि पाकिस्तान सीमा के करीब के कुनार प्रांत पर पाक फौजों की ओर से लगातार गोलीबारी की जा रही है। उसने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल से तत्काल हस्तक्षेप की मांग भी की है। पाकिस्तान ने 19 और 20 अगस्त को इसी कुनार प्रांत में 200 से अधिक रॉकेट दागे थे जिससे वहां भारी तबाही हुई थी। वहां की स्थानीय आबादी को दूसरी जगह स्थानांतरित करना पड़ा था।
इससे ठीक पहले चीन को भी G7 की बैठक में हांगकांग के मुद्दे पर मुंह की खानी पड़ी थी। इस बैठक में पास हुए प्रस्ताव में कहा गया कि चीन को 1984 के ब्रिटेन-चीन समझौते का सम्मान करना चाहिए और किसी भी तरह की हिंसा से बचना चाहिए। हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन और चीन की तानाशाही के खिलाफ इन दिनो प्रबल जन आंदोलन चल रहा है।