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यहां मनाया जाता है अनोखा त्योहार, धूमधाम से की जाती है गधों की पूजा

अक्सर पढ़ाई में कमजोर बच्चों को गधे की संज्ञा दी जाती है। लोग कमजोर बच्चों को गधा कहकर संबोधित करते हैं ऐसे में वह भूल जाते हैं कि गधा यकीनन बहुत मेहनती होती है और तमाम परेशानिया झेलते हुए काम करता रहता है। आज हम आपको एक ऐसे अनोखे त्योहार के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसमें गधों की पूजा की जाती है। दरअसल, ये त्योहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है। जिसे पोला कहा जाता है।

ये त्योहार बैलों समर्पित होता है, लेकिन महाराष्ट्र के अकोला जिले में कुछ समुदाय इस त्योहार के दिन गधों को पूजा करते हैं जिसे ‘गधा पोला’ कहा जाता है। दरअसल, महाराष्ट्र के किसान किसानी में पूरे साल हाड़ तोड़ मेहनत के प्रति आभार प्रकट करने लिए ‘पोला’ जिसे ‘बैल पोला’ भी कहा जाता है। इस दिन किसान बैलों और सांड की पूजा करते हैं। दरअसल, ये त्योहार बैल, सांड और गधों को उनकी मेहनत का सम्मान करने के लिए किया जाता है।

बता दें कि ये त्योहार हर साल 30 अगस्त को मनाया जाता है। इसी तरह भोई और कुम्हार समुदाय के लोग गधों का आभार और सम्मान प्रकट करने के लिए इस दिन उनकी पूजा करते हैं। इस समुदाय के लोगों का कहना है कि भार ढोने के अलावा बरसात में सड़क खराब होने पर गधे खेती के लिए खाद ढोने में अधिक उपयोगी हैं।

इस मौके पर गधों को नहला कर उन्हें फूलों से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। हालांकि यहां के लोगों का कहना है कि ये परंपरा अब खत्म होती जा रही है। जो ठीक नहीं है उनका कहना है कि युवा दूसरे पेशों को अपना रहे हैं। इसलिए यह परंपरा खत्म होती जा रही है।

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