नींद के लिए मेलाटॉनिन हार्मोन बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन मोबाइल स्क्रीन की लाइट से यह हार्मोन प्रभावित होता है. जिससे आपकी नींद उड़ सकती है. लगातार अनिद्रा व मोबाइल की लाइट कई रोगों को जन्म देती हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में-रात में नींद पर्याप्त न लेने पर याद्दाश्त निर्बल होने लगती है जिससे आदमी में भय व तनाव बढ़ता है.स्मार्टफोन अनिद्रा का कारण बनता है. ऐसे में सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है. नींद मस्तिष्क की बेहतर कार्यप्रणाली के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. लगातार फोन में देखने से उसकी रोशनी के कारण आंखों में खिंचाव पड़ता है. ऐसे में ये खिंचाव तनाव का रूप लेकर पूरी बॉडी को प्रभावित करता है और दिमाग के हार्मोन असामान्य हो जाते हैं.
लंबे समय तक नींद न आने पर दिमाग में ऐसे न्यूरोटॉक्सिन बनने लगते हैं जो हमेशा के लिए नींद न आने की बीमारी पैदा कर सकते हैं. अगर आपको सोते समय भी Smart Phone में देखने की लत है तो दूरी बनाने में समझदारी है.
नई रिसर्च से ये भी पता चला है कि लगातार व टेढ़े-मेढ़े पड़े रहकर मोबाइल की लाइट देखने से आंखों के रेटिना पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. Smart Phone आपको मनोरंजन देता है लेकिन नींद छीन लेता है जो कंप्यूटर की तरह दिमाग को रीबूट करती है. ऐसे में कुछ नया याद रखना कठिन हो जाता है.
नींद बेकार होने के बाद शरीर में बनने वाले दूसरे हार्मोन भी प्रभावित हो जाते हैं. इसका नुकसान वजन बढ़ने के रूप में सामने आता है. यही स्थिति हार्ट, लिवर व पेट से जुड़ी बीमारियां पैदा करती है. रिसर्च में भी सामने आया है कि सोते समय रोशनी एक्सपोजर से ब्रेस्ट व प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है. ये शरीर में असामान्य बदलावों के कारण होता है.