राजस्व बढ़ाने व प्रदेश का खाली खजाना भरने के लिए जंगलों में टूरिस्ट व हेरिटेज प्लेस में बार लाइसेंस लेना अब कमलनाथ सरकार ने बेहद सरल कर दिया है। जंगलों में विशेषकर राष्ट्रीय उद्यान व टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास के इलाकों में चल रहे हेरिटेज होटल में सरलता से बार खोला जा सकता है। सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया आसान कर दी है।वहीं कमलनाथ सरकार इसे पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कदम बता रही है, तो विपक्ष ने कमलनाथ सरकार के इस कदम को लेकर सरकार पर हमला कहा है। विपक्ष इसे शराबखोरी को प्रोत्साहन देने वाला कदम बता रहा है। कमलनाथ सरकार ने राजस्व बढ़ोत्तरी के मकसद से प्रदेश की शराब नीति में बदलाव कर दिए हैं। सरकार का तर्क है कि इससे सरकार की आमदनी बढ़ेगी। सरकार के इस कदम से शराब की बिक्री में भी इजाफा होगा। आबकारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर का बोलना है कि इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्री के अनुसार वन क्षेत्र के 10 किमी के दायरे में होटल में बार खोला जा सकता है। जिसके लिए होटल में 25 कमरे होना जरुरी है।
सरकार के इस फैसला पर विपक्ष हमलावर है। पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने बोला है कि यह सरकार नशे में है। शराबखोरी को बढ़ावा दे रही है। कमलनाथ सरकार शराब माफिया को संरक्षण देने वाली सरकार है। जहां वन्यप्राणियो का संरक्षण किया जाता है, वहां जंगल में ये लोग नयी होटल बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं सरकार की दलील है कि अभी तक ऐसे इलाकों में गैरकानूनी ढंग से शराब बिकती थी। लाइसेंस के नियम आसान होने से शराब वैध रूप से बिकेगी व सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।