लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की कन्नौज, बदायूं और फीरोजाबाद जैसी परंपरागत सीटें भले छीन ली, लेकिन अभी उसके खास जनाधार यादवों के बीच मजबूत पकड़ नहीं बन पाई है। सपा के इस गढ़ को तोड़ने के लिए भाजपा खुद अपनी ’यादव सेना’ खड़ी कर रही है। इसके लिए कसरत शुरू हो गई है।
भाजपा सरकार और संगठन के
भाजपा सरकार और संगठन के अपने यादव चेहरों को आगे कर यादव बहुल बूथों तक मजबूत पकड़ बनाने के लिए अभियान चला रही है। लोकसभा चुनाव में यादव बहुल कई बूथों पर भाजपा को बहुत कम मत मिले। यादव बहुल कुछ ऐसे भी बूथ रहे, जहां युवाओं ने भाजपा के पक्ष में उत्साह दिखाया। अब ऐसे उत्साही युवाओं पर पार्टी की नजर है।
भाजपा मुख्यालय में गत दिवस प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने यादव बिरादरी के मंत्री, विधायक, सांसद और संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। तय हुआ कि सदस्यता अभियान के जरिये यादव बहुल बूथों पर बड़े पैमाने पर सदस्य बनाये जाएं।
इसके लिए वरिष्ठ नेताओं को जिले आवंटित कर पार्टी की नीतियों से युवाओं को अवगत कराने और उन्हें भविष्य की राह दिखाने की हिदायत दी गई। राज्यमंत्री गिरीश यादव, पार्टी के सभी विधायक भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष यदुवंश, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के महामंत्री विनोद यादव, सांसद हरनाथ सिंह यादव समेत कई प्रमुख नेताओं को इस अभियान की जिम्मेदारी दी गई है।
सपा ने उपचुनाव को लेकर तेजी दिखानी शुरू की है। भाजपा ने उप चुनाव वाले जिलों बहराइच, अंबेडकरनगर, लखनऊ, बाराबंकी, सहारनपुर, अलीगढ़, प्रतापगढ़, रामपुर, कानपुर नगर, चित्रकूट, फीरोजाबाद और हमीरपुर जिले में यादव और जाटव समाज पर पकड़ बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इन जिलों के यादव युवाओं के बीच पार्टी कार्यकर्ता संपर्क साधने शुरू कर दिये हैं।
आयोग और निगमों में बहुत से पद खाली हैं। भाजपा ने पिछड़ी जातियों में अपेक्षाकृत यादव समाज के लोगों को अभी तक कम मौका दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में सक्रिय भूमिका निभाने और लंबे समय से संगठन के लिए काम करने वाले यादव बिरादरी के नेताओं को आयोग और निगमों में समायोजित किये जाने की तैयारी है।