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सपा को जिताऊ प्रत्याशी की तलाश

लखनऊ। उपचुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश मुश्किल हो रही हैं। दावेदारों से 20 जुलाई तक आवेदन पत्र मांगे गए हैं, लेकिन अभी करीब दो दर्जन आवेदन मिल सके है। वहीं, रामपुर सीट से डिंपल यादव को चुनाव लड़ाने की लामबंदी तेज हो गई है।

रामपुर सीट सपा के लिए सबसे मजबूत

उत्तर प्रदेश की जिन 12 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, उनसे में रामपुर सीट समाजवादी पार्टी के लिए सबसे मजबूत मानी जाती है। यह सीट आजम खां के सांसद निर्वाचित होने के कारण खाली हुई है। यहां से आजम कई बार चुनाव जीत चुके हैं। सपा के लिए इस सीट पर कब्जा बनाए रखने की चुनौती है। आजम खां के समर्थकों का मानना है कि इस सीट पर पार्टी के किसी बड़े नाम को उतराने से जीत आसान होगी। ऐसे में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को रामपुर से चुनाव लड़ाने का पैरोकारी तेज हो गई है। यहां से आजम सांसद हैं और उनकी पत्नी राज्यसभा की सदस्य हैं। बेटा अब्दुल्ला भी जिले की स्वार विधानसभा सीट से विधायक है।

उधर, टिकटों के अपेक्षित आवेदन पत्र नहीं मिलने और उपचुनाव का कार्यक्रम जारी होने में विलंब को देखते हुए सपा नेतृत्व आवेदन की अंतिम तारीख 20 से आगे बढ़ा सकता है।

बसपा ने पहली बार उपचुनाव लड़ने की घोषणा कर समाजवादी पार्टी का सिरदर्द बढ़ा दिया है। हालांकि जिन 12 सीटों पर उपचुनाव होगा, उसमें से केवल एक सीट (अंबेडकरनगर जिले की जलालपुर) ही बसपा के कब्जे में थी। बसपा नेतृत्व को भरोसा है कि दलित मुस्लिम समीकरण पर उपचुनाव में सपा को पछाड़ा जा सकता है। इसका लाभ 2022 के उपचुनाव में मिलेगा। बसपा के इस समीकरण की काट के लिए ही सपा राष्ट्रीय लोकदल जैसे छोटे दलों से चुनावी तालमेल कर सकती है। सूत्रों के अनुसार रालोद के खाते में अलीगढ़ की इगलास सीट दी जा सकती है।

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