यूपी के सोनभद्र नरसंहार में 10 लोगों की मर्डर के मुद्दे ने अब सियासी रूप ले लिया है। नरसंहार के तीन दिन बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा सोनभद्र जाने के लिए रवाना हुईं, किन्तु उन्हें बीच रास्ते में ही रोक कर हिरासत में ले लिया गया व मिर्जापुर जिले के चुनार गेस्ट हाउस में रुकवा दिया गया, जहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ रातभर धरना प्रदर्शन किया।शनिवार (20 जुलाई) को प्रियंका ने एक बार फिर से पीड़ितों से मिले बगैर वापस न लौटने की बात दोहराई व प्रियंका ने जमानत के लिए व्यक्तिगत बॉन्ड देने से भी साफ़ मना कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने धरना प्रदर्शन के 24 घंटे बाद प्रियंका गांधी को सोनभद्र घटना के पीड़ितों से मिलवाया। वहीं इससे पहले प्रियंका ने उत्तर प्रदेश प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बोला था कि पीड़ित परिवारों को उनसे मिलने से रोका जा रहा है। प्रियंका ने बोला कि प्रसाशन पीड़ित परिवारों को गेस्ट हाउस में दाखिल नहीं होने दे रहा है।
इससे पहले प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट करते हुए भी उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था, उन्होंने लिखा था कि ‘मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ. जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है व नैतिक अधिकार भी. उनसे मिलने का मेरा फैसला अडिग है.‘ एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा था कि ‘उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है. प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है वरना मुझे 14 दिन के लिए कारागार की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’.‘