मानसून अपने साथ वायरल संक्रमण, सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी कई बीमारियां साथ लता है. यह साल का वह समय है जब लोग डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा, टाइफाइड, पेट में संक्रमण व कई अन्य बीमारियों के शिकार होने के अधिक जोखिम में होते हैं. जबकि बारिश तापमान को ठंडा करती है, लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण राहत लाती है, हालांकि ये मौसम कई लोगों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय होने कि सम्भावना है, खासकर ये मौसम निर्बल प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए. फिर भी, हर दिन योग का एक्सरसाइज करने में बिताए गए कुछ मिनट आपकी प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं, जिससे आप स्वस्थ मानसून का आनंद ले सकते हैं.
योग तन व मन से जुड़े तमाम तरह के रोग व विकारों को दूर कर मनुष्य का ज़िंदगी सरल कर देता है. यह मानव की हर तरह की शुद्धि का सरल उपकरण है. योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार साल पुरानी शैली है. ये धर्म, आस्था व अंधविश्वास से परे है. योग स्वस्थ ज़िंदगी जीने की कला है. योग शरीर के समस्त रोगों के लिए एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनाई जाने वाली अन्य तरकीबों से योग कई मायनों में अलग है.
बारिश का निगेटिव पक्ष यह है कि यह आपको घर के अंदर रखता है, जो उन लोगों के लिए घातक है जो पार्क व बाहर व्यायाम करने का आनंद लेते हैं. घर पर या अपनी बालकनी में अपना योगा मैट बिछाकर अपने व्यायाम की दिनचर्या को रोकने से बचें. आप अपने आसन, प्राणायाम या ध्यान का एक्सरसाइज सुरक्षित रूप से घर के अंदर भी कर सकते हैं.
मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाएगा ये खास तरह का योगखास बात ये है कि कुछ विशिष्ट आसन व योगिक तकनीके हैं जो मानसून के लिए बनाई गई हैं जो आपको मजबूत प्रतिरक्षा देने में मदद करते हैं. ऐसा ही हिमालयी प्रवाह का जल नमस्कार है. यह एक ताकतवर तकनीक है जिसमें आसन होते हैं जो पानी के तत्त्व के अनुरूप होते हैं. जल नमस्कार 28 काउंट के साथ बनाया गया विन्यास है जो आपके शरीर के अंदर जल तत्व को पहचानने व अनुभव करने में आपकी मदद करेगा.इस आसन विनयसा को ‘फ्लो’ भी बोला जाता है, जिनकी गुणवत्ता पानी से संबंधित है, पद्मासन, अर्ध मत्स्येन्द्र आसन, हलासना, सुपता वज्रासन व मत्स्य आसन.