माइक्रोआर्ट, जहां पर आप छोटी से छोटी चीज के जरिए अपने बड़े से बड़े सपने साकार कर सकते हैं। माइक्रोआर्ट एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां पर एक माइक्रो आर्टिस्ट एक चावल के दाने जैसी छोटी सी चीज को भी अपना कैनवास बनाकर उस पर अपनी सभी कल्पनाएं उकेर देता है।
क्या होता है काम:-
माइक्रोआर्ट के अंतर्गत एक कलाकार अपनी सोच बेहद सूक्ष्म रूप में दुनिया के समक्ष पेश करता है। यह भारत की अपनी एक अद्वितीय प्राचीन कला है। पुराने समय में इस कला का प्रयोग गुप्त संदेश भेजने के लिए किया जाता था।
कोर्स व योग्यता :-
इस क्षेत्र में महारत प्राप्त करने के लिए कोई भी प्रोफेशनल कोर्स अभी तक भारत में उपलब्ध नहीं है लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से रास्ते हैं, जिसके जरिए आप इस क्षेत्र में कदम रख सकते हैं।
कमाई:-
एक माइक्रोआर्टिस्ट के रूप में आप शुरूआती दौर में पंद्रह से बीस हजार रूपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। लेकिन जब आपका काम लोगों को पसंद आने लगेगा और मार्केट में आपके काम की डिमांड बढ़ेगी तो आपकी कमाई की कोई सीमा नहीं रहेगी। आपका काम पसंद आने के बाद आप डेढ़ से दो लाख रूपए प्रतिमाह भी कमा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
दिल्ली यूनिवर्सिटी, कॉलेज ऑफ आर्टस, दिल्ली
जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
कला भवन, झारखंड
एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स, नोएडा
अपोलो आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, चेन्नई