सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सिख विरोधी दंगों में दोषी ठहराए गए 34 व्यक्तियों को जमानत दे दी। त्रिलोकपुर क्षेत्र में 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दंगे और आगजनी के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय और ट्रायल कोर्ट ने समवर्ती रूप से 34 लोगों को दोषी माना था और पांच साल की सजा सुनाई थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि सिख विरोधी दंगों के मामले में सात व्यक्तियों के समवर्ती सजा को रद्द करने के शीर्ष न्यायालय के फैसले पर सरकार की याचिका अदालत में लंबित है, इसलिए इन 34 दोषियों को जमानत देना उचित नहीं होगा। इससे पहले 5 जुलाई को शीर्ष अदालत ने प्रत्यक्ष सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए सात लोगों को बरी कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने इन लोगों के बरी किए जाने पर समीक्षा दायर की थी।