बैंक यूनियंस और आईबीए के बीच हुए समझौते के बाद अब बैंक कर्मचारियों को 15% ज्यादा सैलरी मिला करेगी. इस समझौते से बैंकों पर 7,900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक बोझ बढ़ेगा.
बैंकिंग सेवा में वेतन वृद्धि को लेकर IBA और UFBU के बीच कल सुबह से ही बातचीत चल रही थी, जिसके बाद यूएफबीयू और इंडियन बैंक एसोसिएशन के बीच देर शाम 15% की वेतन बढ़ोत्तरी पर समझौता हो गया है. मुंबई में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्यालय में एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.
बैंकों पर 7,900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक बोझ बढ़ेगा
IBA और यूएफबीयू के बीच बातचीत का दौर मई 2017 से ही चल रहा था और वेतन वृद्धि पहली नवम्बर 2017 से प्रस्तावित थी. बता दें कि इस समझौते से बैंकों पर 7,900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक बोझ बढ़ेगा.
यह फैसला बैंक प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आईबीए और बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारियों की यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस यूएफबीयू के सदस्यों के बीच हुई बैठक में लिया गया.
वेतन वृद्धि नवंबर 2017 से प्रभाव में आएगी
बैंक यूनियंस और आईबीए के बीच हुए समझौते के मुताबिक यह वेतन वृद्धि नवंबर 2017 से प्रभाव में आएगी. समझौते के मुताबिक वेतन और भत्तों में सालाना 15 प्रतिशत वृद्धि 31 मार्च 2017 के वेतन बिल के आधार पर दी जाएगी. पे-स्लिप में शामिल मदों के मुताबिक इस पर 7,898 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय होगा.
सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों सहित 37 बैंकों ने अपने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के बारे में निर्णय लेने के लिए आईबीए को अधिकार दिया हुआ है.