हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास त्योहार है। इस पर्व पर महिलाएं कुछ दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देती हैं। सौभाग्य और श्रृंगार को समर्पित इस पर्व पर महिलाएं और बच्चियां विशेष तैयारियां करती हैं। वो हाथों में मेंहदी और पैरों में आल्ता लगाती हैं। हरियाली तीज से जुड़े कई तरह के रिवाज हैं। आइये जानते है हरियाली तीज के बारे में विशेष बातें-
कब है तीज –
हरियाली तीज का पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इस बार हरियाली तीज 3 अगस्त को है। इस दिन शनिवार है। सावन का महीना भगवान शिव और मां पार्वती लिए खास है। इस महीने में पूजा-पाठ पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस माह में शिव और पार्वती जी कैलाश छोड़कर धरती पर निवास करते हैं।
हरियाली तीज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 31 मिनट से रात 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। इस दौरान शिव परिवार की पूजा की जा सकेगी। इसके साथ ही व्रत भी रखा जाएगा।
हरियाली तीज की परम्पराएं –
इस पर्व के दिन शादीशुदा महिलाओं के मायके से उनके लिए सिंजारा आता है। इसमें मिठाई और श्रृंगार का सामान होता है, जिसमें मेहंदी, चूड़िया, बिंदी इत्यादि होता है। वहीं, ससुराल में सासू मां अपनी बहुओं को नई साड़ी, कपड़े और श्रृंगार का सामान और दिलाती हैं। इसमें सुहाग का सामान, मेहंदी और आल्ता प्रमुख होता है।