महाराष्ट्र के यवतमाल में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बड़ी लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है।स्वास्थ्यकर्मियों ने 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया।
जिसके बाद से बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बाद में उन्हें पास ही के अस्पताल में ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मामले की जांच के आदेश दिए गये हैं।
घटना रविवार की है। यवतमाल की एक ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पोलियो अभियान के तहत बच्चों को दवा पिलाने के लिए बुलाया गया था। स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया।
जिसके बाद इन बच्चों ने देर रात से तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी और स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के बाद उन्हें पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उनका इलाज फौरन शुरू कर दिया। आज भी बच्चे अस्पताल में ही भर्ती हैं।
पैरेंट्स ने बताया कि बच्चों को जब पोलियो की ड्रॉप पिलाई गई तो उसके बाद वे उल्टी करने लगे। जब स्वास्थ्यकर्मियों को इस बात का एहसास हुआ कि उन्होंने पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया है तो दोबारा उन लोगों ने पोलियो ड्रॉप पिलाई।
उन्होंने स्वास्थकर्मियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है हम अपने बच्चों का काफी अच्छे से ख्याल रखते हैं लेकिन स्वास्थकर्मियों की यह लापरवाही की हद है।
गिरम गेदाम, योगश्री गेदाम, हर्ष मेश्राम, भावना अर्के, वेदांत मेश्राम, राधिका मेश्राम, प्राची मेश्राम, माही मेश्राम, तनुज गेदाम, निशा मेश्राम, आस्था मेश्राम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इनका इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में एक सीएचओ, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक आशा कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है और अभी इस मामले की जांच चल रही है। अस्पताल में भर्ती बच्चों की तबीयत अब स्थिर है।