पाकिस्तान में रमजान पर आटे को लेकर हलकान है। लोग मंहगाई के चलते भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के मुताबिक, सस्ते गेहूं के आटे के लिए लंबी कतारों में भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत हो गई।
पाकिस्तान मिलिट्री मॉनिटर ने बताया कि सैकड़ों लोगों को चोटें आई हैं एक मुट्ठी गेहूं के लिए कतार में खड़े लोगों को पुलिस की पिटाई भी झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि रमजान के दौरान सैकड़ों परिवारों को सूखी रोटी और पानी से अपना उपवास तोड़ना पड़ रहा है।
बढ़ती महंगाई ने पाकिस्तानियों की जीना दूभर हो गया है। सिर्फ फल और सब्जियां ही नहीं पाकिस्तान में गेहूं के आटे का संकट भी मंडरा रहा है। रमजान पर दिनभर उपवास के बाद लोगों को भरपेट खाना तक नसीब नहीं हो रहा है। रात को उन्हें दुकानों में बचे हुए खाने से ही गुजारा करना पड़ रहा है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन लाखों लोग खाली हाथ अपने घर लौटने के लिए सरकारी दुकानों के बाहर लाइन लगा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहबाज शरीफ सरकार का पूरा ध्यान इस वक्त पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के साथ लड़ाई पर है। दूसरी तरफ आम लोग कमर तोड़ महंगाई का सामना कर रहे हैं। सब्सिडी वाले गेहूं और सस्ते आटे के लिए सरकारी दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आ रही है। भगदड़ और मारपीट आम हो गई है।
बताया कि मुफ्त आटे के लिए पूरे पाकिस्तान में भगदड़ की कई घटनाएं हुई हैं। मुल्तान में इस तरह की ताजा घटना में दो पुलिसकर्मियों सहित 14 लोग घायल हो गए। कराची और इस्लामाबाद में भगदड़ से 12 लोगों की मौत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी दुकानों पर सब्सिडी वाला गेहूं मिलना लोगों के लिए जंग लड़ने जैसा लग रहा है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के सामने चल रहे गेहूं संकट का दोष पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की सरकार और अन्य प्रांतीय सरकारों का उदासीन रवैया है।