अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने तकनीकी गड़बड़ी को दूर करने और सेवाएं बहाल करने के लिए सैंकड़ों इंजीनियर्स और विशेषज्ञ तैनात किए हैं। माइक्रोसॉफ्ट को अपनी साइबर सुरक्षा सहयोगी कंपनी क्राउडस्ट्राइक के कारण तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा और उसके चलते दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले सिस्टम्स में समस्या आई। इसके कारण दुनियाभर में एयरलाइंस और वित्तीय संस्थानों के कामकाज प्रभावित हुए। दुनियाभर में विभिन्न एयरलाइंस की फ्लाइट्स रद्द हुईं और दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक सा लग गया।
दुनियाभर में 85 लाख डिवाइस प्रभावित हुए
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, 18 जुलाई को क्राउडस्ट्राइक के अपडेट के कारण हुई तकनीकी समस्या से दुनिया भर में 85 लाख डिवाइस प्रभावित हुए। माइक्रोसॉफ्ट ने 20 जुलाई को एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, ‘सेवाओं को बहाल करने के लिए और ग्राहकों के साथ सीधे काम करने के लिए सैकड़ों माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर्स और विशेषज्ञों को तैनात किया गया है।’ आईटी संकट के चलते दुनियाभर में कई व्यवसायों का संचालन अटक गया। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह गूगल क्लाउट प्लेटफॉर्म और अमेजन वेब सर्विस सहित अन्य क्लाउड प्रदाताओं और हितधारकों के साथ मिल काम कर रहे हैं ताकि उद्योगों पर इसके प्रभाव को समझा जा सके। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि ‘हम ग्राहकों और लोगों की दैनिक जीवन में हो रही परेशानी को समझते हैं। इसलिए हमारा पूरा ध्यान बाधित सिस्टम को सुरक्षित करने और पर है।
क्यों हुई तकनीकी गड़बड़ी
माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम और तमाम कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी सर्विस देने कंपनी CrowdStrike के डाउन होने के कारण माइक्रोसॉफ्ट को आईटी संकट से जूझना पड़ा। क्राउडस्ट्राइक के एक सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण यह समस्या हुई। CrowdStrike के ही डाउन होने के कारण भारत, अमेरिका, कनाडा, जापान समेत दुनियाभर के कई देश प्रभावित हैं। क्राउडस्ट्राइक ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि वह फाल्कन सेंसर से संबंधित विंडोज होस्ट पर क्रैश की रिपोर्ट से अवगत है और उसके इंजीनियर इसे फिक्स करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।